विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को 50 हफ्ते की सजा

Edited By Tanuja,Updated: 01 May, 2019 04:43 PM

wikileaks assange sentenced to 50 weeks in uk jail for skipping bail

जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए असांजे को 50 सप्ताह की सजा सुनाई गई है। लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में सात वर्षों बिताने के बाद 47 वर्षीय असांजे को इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था

लंदन: दुनियाभर में गोपनीय दस्तावेजों के जरिए तहलका मचाने वाले विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज (47) को जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए आज लंदन की एक अदालत में 50 सप्ताह की सजा सुनाई गई है। लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में सात वर्षों बिताने के बाद असांजे को इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। असांजे ने 2012 में दूतावास में शरण ली थी ताकि स्वीडन में वह बलात्कार के आरोपों से बच सकें।

इक्वाडोर द्वारा उनके शरणार्थी का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद 11 अप्रैल को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। दुनियाभर में गोपनीय दस्तावेजों के जरिए तहलका मचाने वाले विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज को गुरुवार को लंदन स्थित इक्वाडोर दूतावास में करीब 7 सालों तक रहने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। असांज 2012 से ही यहां शरण लिए हुए थे। असांज को गिरफ्तार करने वाली पुलिस का कहना है कि उन्‍हें कोर्ट में पेश नहीं होने के लिए हिरासत में लिया गया ।

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जाने क्या है पूरा मामला

2006 में उन्होंने विकिलीक्स ( wikileaks.org) की शुरूआत की तांकि वह बिना ट्रेस में आए बगैर इंटरनेट पर गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक कर सके। उसके बाद उन्होंने अपनी वेबसाइट की जरिए ऐसे-ऐसे खुलासे किए कि विश्वभर में तहलका मच गया।  विश्व की कई सरकारों की गोपनीय जानकारियों को अपनी वेबसाइट पर डाला तो मानों वैश्विक जगत में भूकंप आ गया। इसे लेकर काफी बवाल भी हुई। 2010 में प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने असांज को 'पर्सन ऑफ द ईयर' के खिताब से नवाजा।

2010 में असांज पर स्वीडन की दो महिलाओं ने रेप और यौन शोषण का आरोप लगाया जिसके बाद उनके खिलाफ स्वीडन की एक अदालत ने अरेस्ट वारंट भी जारी किया, लेकिन असांज ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये झूठे और बेबुनियाद आरोप हैं। 2010 में असांज की विकिलीक्स ने अफगानिस्तान और इराक युद्ध में सेना से जुड़े कई गोपनीय दस्तावेज प्रकाशित किए। इसका असर ये हुआ कि अमेरिका ने असांज को बहिष्कृत कर दिया।
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2012 में ली इक्वाडोर में शरण

2012 में ब्रिटेन द्वारा स्वीडन को प्रत्यर्पित किए जाने से बचने के लिए उन्होंने इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली और तभी से वह लंदन में शरणार्थी के रूप में रह रहे थे। असांज पर 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान हस्तक्षेप का आरोप भी लगा। विकिलीक्स ने तब डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की टीम की कई ऐसे गोपनीय मेल सार्वजनिक कर दिए जो चुनावी अभियान से जुड़े थे और इसका सीधा असर चुनावों पर भी पड़ा। असांज पर आरोप लगा कि उन्होंने रूस की मदद से ये गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक किए।

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कुल 37 स्कूल अटेंड किए
3 जुलाई 1971 को ऑस्ट्रेलिया में जन्मे अंसाज के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने बचपन और जवानी के दिनों को मिलाकर कुल 37 स्कूल अटेंड किए। असांज ने यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न से फिजिक्स और मैथ्स में डिग्री हासिल की। कंप्यूटर में रूचि रखने वाले असांज ने 1990 में एक कंप्यूटर प्रोगामर बने और बाद में सॉफ्टवेयर डेवलपर बन गए। अंसाज को हैंकिग में महारत हासिल थी।

राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा छिना
2017 में स्वीडन में उनके खिलाफ लगा रेप का आरोप हट गया । जिसके बाद उन्होंने इक्वाडोर की नागरिकता ले ली। इक्‍वाडोर के राष्‍ट्रपति का कहना है कि असांज द्वारा लगातार अंतराष्‍ट्रीय कानूनों के उल्‍लंघन के कारण उन्‍हें दिया गया राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा वापस ले लिया गया है। हालांकि विकिलीक्‍स का कहना है कि इक्‍वाडोर ने उन्‍हें दी गई राजनीतिक शरण वापस लेते हुए अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों का उल्‍लंघन किया है।

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