Edited By Tanuja,Updated: 10 Oct, 2018 06:49 PM
मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भारत सरकार द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम “विश्व के बदलते परिदृश्य में वयस्क और मानसिक स्वास्थ्य” रखी गई है...
इंटरनेशनल डेस्कः मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भारत सरकार द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम “विश्व के बदलते परिदृश्य में वयस्क और मानसिक स्वास्थ्य” रखी गई है। मेडिकेयर हेल्थ प्लान के एक नए अध्ययन ने उन लक्षणों का खुलासा किया है, जो हर अमेरिकी राज्य में सर्वाधिक खोजे जाते हैं। सर्च इंजन में सबसे ज्यादा टाइप की गई बीमारियों में ‘तनाव’ सबसे पहला शब्द था। रिश्तों में दरार और काम की वजह से तनाव का हल ढूंढने वाले लोगों की संख्या इसमें सबसे ज्यादा है।
किशोरावस्था और वयस्कता के शुरूआती वर्ष जीवन का वह समय होता है, जब कई बदलाव होते हैं। उदाहरण के लिए स्कूल बदलना, घर छोड़ना, कॉलेज, विश्वविद्यालय या नई नौकरी शुरू करना कई लोगों के लिए रोमांचक समय होता है। मगर, वहीं कुछ लोगों के लिए यह तनाव और शंका का समय हो सकता है।
ऑनलाइन का बढ़ता उपयोग और नई टेक्नोलॉजी के आने से इस आयु वर्ग के लोगों के लिए अतिरिक्त दबाव बन रहा है, जो कहीं न कहीं तनाव का बड़ा कारण बनकर सामने आ रहा है। हालांकि, यदि इसे समय पर पहचाना और प्रतिबंधित नहीं किया जाता है, तो यह तनाव मानसिक रोग उत्पन्न कर सकता है।
बताते चलें कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ (वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ) ने विश्व के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए वर्ष 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की स्थापना की थी। हालांकि, भारत ने मानसिक रोगियों की देखभाल को सुनिशिचित करने के लिए 10 वर्ष पूर्व ही पहल शुरू कर दी थी तथा मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की उपलब्धता और पहुंचनीयता सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 1982 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्र