Edited By Tanuja,Updated: 12 Aug, 2020 12:15 PM
20वीं सदी में जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर के चलते दुनिया को दूसरे विश्वयुद्ध में झोंक दिया गया। नाजी पार्टी के नेता हिटलर की मौत के करीब एक ...
बीजिंगः 20वीं सदी में जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर के चलते दुनिया को दूसरे विश्वयुद्ध में झोंक दिया गया। नाजी पार्टी के नेता हिटलर की मौत के करीब एक दशक बाद जर्मनी से हजारों किलोमीटर दूर चीन में एक शख्स का जन्म हुआ, जो 21वीं सदी में दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध में झोंकने की ठान चुका है। यह कोई और नहीं चीन के नए तानाशाह शी जिनपिंग हैं। अगर हम करीब 8 दशक पहले के हिटलर के रवैए और उसके चलते विश्व पर मंडराए खतरे की तुलना आज की परिस्थितियों से करें तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बर्ताव हू-ब-हू हिटलर से मेल खाता है।
सीधे शब्दों में कहें तो वह हिटलर के ही नक्शे कदम पर चल रहे हैं।आज की तारीख में चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के नेता जिनपिंग ने खुद को अपनी पार्टी और चीन की सत्ता का सर्वेसर्वा बना लिया है, जिनकी विस्तारवादी नीति के चलते विश्व शांति फिर से खतरे में पड़ चुकी है। 1929-32 में आॢथक मंदी, बेरोजगारी, गरीबी और भुखमरी से जनता को उबारने के वादे के साथ जर्मनी में सोशलिस्ट नारों के साथ एडोल्फ हिटलर नाम के नेता का उदय हुआ था जिसने जर्मनी की खोई हुई प्रतिष्ठा को भी बहाल करने का वादा किया।
2007-09 में वैश्विक मंदी और बेरोजगारी के दौरान चीन में अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी में साफ छवि वाले नेता शी जिनपिंग ने चीन को उसका वाजिब सम्मान दिलाने की ठान कर नीतियां तैयार करनी शुरू कर दीं।1933-34 में हिटलर ने अपने राजनीतिक विरोधियों का वजूद मिटा दिया, चुनौती देने वाले नेताओं की हत्याएं करवा दीं और विरोधियों को कारागार में डाल दिया। 2014-17 में शी जिनपिंग ने हिटलर की नीति अपनाते हुए चीन में अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया, उनका वजूद मिटाना शुरू कर दिया। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर उन्हें बंदी बना लिया।