Edited By Tanuja,Updated: 20 Dec, 2018 12:22 PM
एक मां की ममता के आगे आखिऱ ट्रंप प्रशासन को झुकना पड़ा और अपने बेटे को आखिरी बार चूमने की हसरत संजोए इस मां की जिद ने अमरिका को यमन पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध में रियायत देने पर मजबूर कर दिया...
वॉशिंगटनः एक मां की ममता के आगे आखिऱ ट्रंप प्रशासन को झुकना पड़ा और अपने बेटे को आखिरी बार चूमने की हसरत संजोए इस मां की जिद ने अमरिका को यमन पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध में रियायत देने पर मजबूर कर दिया। ट्रंप के इस कदम की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ की जा रही है। यमन की महिला अल शायमा स्विलेह अपने बेटे की मौत से पहले उसे आखिरी बार चूमना चाहती थीं।
उनकी यह ख्वाहिश अब पूरी होने वाली है, क्योंकि उन्होंने लंबी लड़ाई के बाद ट्रंप प्रशासन से यात्रा में रियायत की इजाजत ले ली है। इसलिए अब वह कैलिफोर्निया जाकर अपने दो साल के मासूम बेटे से मिल सकेंगी। शायमा का बेटा जीवन रक्षक प्रणाली पर है। रियायत पाने के लिए परिवार ने करीब एक बरस तक कानूनी लड़ाई लड़ी। पिछले सप्ताह काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस के वकीलों के मुकद्दमे के बाद आखिरकार अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को स्विलेह को यह छूट दे दी।
स्विलेह का बेटा अब्दुल्ला ऑकलैंड में यूसीएसएफ बेनिऑफ चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल में भर्ती है, जिसे देखने के लिए वह सैन फ्रांसिस्को के लिए उड़ान भरने की योजना बना रही हैं। काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस के सैक्रामेंटो खंड द्वारा उपलब्ध बच्चे के पिता अली हसन के बयान के अनुसार, ‘इससे अब हम इज्जत से मातम कर सकेंगे।’ हसन अमेरिकी नागरिक हैं और वह स्टॉकटॉन में रहते हैं। हसन, मस्तिष्क संबंधी आनुवंशिक बीमारी से जूझ रहे अपने बेटे को बेहतर उपचार के लिए कैलिफोर्निया लेकर आए थे।