मुगाबे: आजादी के नायक से तानाशाह बनने तक का सफर

Edited By Anil dev,Updated: 06 Sep, 2019 06:06 PM

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जिम्बॉब्वे में 37 साल तक सत्ता पर काबिज रहने के लिए रॉबर्ट मुगाबे ने दमन एवं भय का इस्तेमाल किया जब तक कि उन्हें अंतत: पद से हटा नहीं दिया गया। पूर्व राष्ट्रपति मुगाबे का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। मुगाबे को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूर्व में...

हरारे: जिम्बॉब्वे में 37 साल तक सत्ता पर काबिज रहने के लिए रॉबर्ट मुगाबे ने दमन एवं भय का इस्तेमाल किया जब तक कि उन्हें अंतत: पद से हटा नहीं दिया गया। पूर्व राष्ट्रपति मुगाबे का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। मुगाबे को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूर्व में उनके वफादार रहे सैन्य जनरल उनके खिलाफ हो गए थे। नवंबर 2017 में पद से शर्मनाक ढंग से हटाए जाने के बाद उनकी कमाल माने जानी वाली सेहत भी गिरने लगी। 

पहली बार पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश रोडेशिया से मुक्ति दिलाने वाले शख्स के तौर पर प्रशंसित रॉबर्ट गैब्रियल मुगाबे को असल में एक तानाशाह के तौर पर याद किया जाएगा जिन्होंने राजनीतिक असहमतियों को कुचला और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया। पूर्व राजनीतिक कैदी से गुरिल्ला नेता बने मुगाबे ने 1980 के चुनावों में सत्ता का स्वाद चखा जब बढ़ते चरमपंथ और आर्थिक प्रतिबंधों ने रोडेशिया सरकार को वार्ता की मेज पर लाने पर मजबूर कर दिया था। पद पर रहते हुए उन्हें शुरुआत में नस्ली समाधान पर घोषित नीति और अश्वेत बहुसंख्यकों तक सुधरी हुई शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शाबाशी मिली थी। लेकिन उनकी यह चमक जल्द ही फीकी पड़ गई। मुगाबे ने 1974 में जेल से रिहा होने के बाद आजादी के लिए गुरिल्ला युद्ध की एक शाखा - जिम्बॉब्वे अफ्रीकन नेशनल यूनियन और उसके सशस्त्र बलों- पर अपना नियंत्रण कर लिया था। 

सशस्त्र संघर्ष में उनका साथी- जिम्बॉब्वे अफ्रीकन पीपुल्स यूनियन के नेता जोशुआ नकोमो का नाम उन लोगों में शुमार है जो असहमति जताने पर मुगाबे के सबसे पहले शिकार हुए थे। नकोमो को सरकार से बाहर कर दिया गया था जहां वह गृह मंत्रालय का प्रभार संभालते थे। 1982 में उनके गढ़ मेटाबेलेलैंड प्रांत में हथियारों का जखीरा मिलने के बाद उन्हें पद से हटाया गया था। मुगाबे ने सत्ता के शिखर तक पहुंचने के लिए मानवाधिकारों के अत्याधिक दमन और चुनाव में धांधली करने के तरीके को चुना। एक बार उन्होंने कहा था कि वह 100 साल की उम्र का होने तक अपने देश पर शासन करेंगे और कई को उम्मीद थी कि पद पर रहते हुए ही उनका निधन होगा। लेकिन सेहत खराब होने के साथ ही सेना ने 2017 के अंत में अंतत: हस्तक्षेप किया ताकि वह उनकी पत्नी ग्रेस के राष्ट्रपति बनने के ख्वाब पर विराम लगा सके और वे अपना कोई उम्मीदवार खड़ा कर सकें। मुगाबे के बाद उनके परिवार में उनके दो बेटे और दूसरी पत्नी ग्रेस से हुई एक बेटी है।

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