Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Mar, 2020 07:35 PM
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि पिछले तीन साल में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की 1500 से अधिक घटनाएं सामने आईं, वहीं देश के शेष हिस्से में नवंबर 2018 में अमृतसर में एक ग्रेनेड हमले को छोड़कर कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ।
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि पिछले तीन साल में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की 1500 से अधिक घटनाएं सामने आईं, वहीं देश के शेष हिस्से में नवंबर 2018 में अमृतसर में एक ग्रेनेड हमले को छोड़कर कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ।
'627 आतंकी ढेर'
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि जम्मू कश्मीर में 2017 से 2019 के बीच 1550 आतंकी घटनाएं सामने आईं और इस अवधि में 251 सुरक्षाकर्मी तथा 118 आम नागरिक मारे गये एवं 627 आतंकियों को भी ढेर कर दिया गया। उन्होंने अपने उत्तर में बताया कि अमृतसर के अदलीवाल गांव में एक प्रार्थना कक्ष में 18 नवंबर, 2018 को ग्रेनेड हमला हुआ था जिसमें तीन लोग मारे गये।
उन्होंने कहा, ‘उपलब्ध सूचना के अनुसार इस घटना में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) की संलिप्तता सामने आई है। पंजाब पुलिस ने इस हमले में शामिल रहने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया।' रेड्डी ने कहा कि आतंकवाद मुख्य तौर पर सीमापार से प्रायोजित होता है तथा पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद एवं हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से करीबी ताल्लुकात हैं जिससे इन्हें भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिहाज से सुरक्षित पनाहगाहें, सामग्री, पैसा तथा साजो-सामान की सुविधाएं मिलती हैं।