Edited By kirti,Updated: 15 Apr, 2018 10:33 AM
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में आज अधिकारियों ने बताया कि गुज्जर और बकरवाल घुमंतू समुदायों के परिवारों के वार्षिक प्रवासन के मद्देनजर दो दर्जन से अधिक सचल स्कूल भी उनके कारवां के साथ - साथ जाएंगे ताकि छात्रों की उचित शैक्षणिक सुविधाएं सुनिश्चित की...
जम्मू:जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में आज अधिकारियों ने बताया कि गुज्जर और बकरवाल घुमंतू समुदायों के परिवारों के वार्षिक प्रवासन के मद्देनजर दो दर्जन से अधिक सचल स्कूल भी उनके कारवां के साथ - साथ जाएंगे ताकि छात्रों की उचित शैक्षणिक सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें।
कुल 25 सचल स्कूलों में 801 छात्र हैं ( जिनमें 410 लड़के और 391 लड़कियां हैं ) जो बकरवालों के कारवां के साथ जाएंगे। आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा , ‘‘ वार्षिक प्रवासन के दौरान उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए इन स्कूलों को 45 शिक्षक दिए गए हैं। ’’ उन्होंने कहा कि राजौरी के जिला विकास आयुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रवासी स्कूलों के प्रमुख और कर्मचारियो के साथ मिलकर योजना को अंतिम रूप दिया है।
गुज्जर और बकरवाल घुमंतू समुदाय के परिवार इस माह के अंत में वाॢषक प्रवासन शुरू करेंगे। प्रवक्ता ने बताया कि अन्य 41 स्कूल आदिवासी आबादी के लिए एक जगह पर बने रहेंगे। इनमें 1451 छात्रों (802 लड़के और 651 लड़कियां ) के लिए 95 शिक्षकों को तैनात किया गया है। चौधरी ने प्रवासन से पहले छात्रों को किताब और वर्दी मुहैया कराने का आदेश भी दिया है।