Edited By rajesh kumar,Updated: 09 Feb, 2020 02:41 PM
संसद हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरू की सातवीं बरसी पर कानून व्यवस्था की किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर कश्मीर घाटी में प्रशासन ने रविवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी। अधिकारियों ने बताया कि रविवार तड़के मोबाइल इंटरनेट...
श्रीनगर: संसद हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरू की सातवीं बरसी पर कानून व्यवस्था की किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर कश्मीर घाटी में प्रशासन ने रविवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी। अधिकारियों ने बताया कि रविवार तड़के मोबाइल इंटरनेट सेवा सेवाएं स्थगित कर दी गयीं क्योंकि प्रशासन को पृथकतावादी संगठनों के बंद आह्वान के मद्देनजर घाटी में हिंसा होने की आशंका है। प्रशासन ने 25 जनवरी को कश्मीर में टू जी इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी थी। वहीं सुरक्षा एजेंसियों को जम्मू-कश्मीर में 9 फरवरी को फिदायीन हमले के इनपुट मिले हैं जिसके चलते जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पांच महीने से भी अधिक समय पहले पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाये जाने के बाद से घाटी में सभी संचार सुविधाएं बंद कर दी गयी थीं। पुलिस ने अफजल गुरू की बरसी पर हड़ताल का आह्वान करने को लेकर प्रतिबंधित जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के खिलाफ शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की थी। गुरू को संसद पर दिसंबर, 2001 में हुए हमले में उसकी कथित भूमिका को लेकर 2013 में तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गयी थी । जेकेएलएफ की प्रेस विज्ञप्ति को खबर बनाने को लेकर दो पत्रकारों को पुलिस ने तलब किया था।
जेकेएलएफ ने रविवार और मंगलवार को हड़ताल का आह्वान किया था। मंगलवार को जेकेएलएफ के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट की बरसी है। दोनों पत्रकारों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। मकबूल भट्ट को 1984 में फांसी पर चढ़ा दिया गया था और उसके शव को तिहाड़ जेल के अंदर ही दफना दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि इस बीच, हड़ताल के चलते कश्मीर में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। उन्होंने बताया कि बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों पर सार्वजनिक वाहन बहुत कम ही नजर आये। घाटी में कहीं से भी अब तक किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।