Edited By rajesh kumar,Updated: 14 Mar, 2020 05:39 PM
कांग्रेस के महासचिव और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला से मुलाकात की। अब्दुल्ला को सात महीने से अधिक समय तक नजरबंद रखने के बाद शुक्रवार को रिहा किया गया था।
श्रीनगर: कांग्रेस के महासचिव और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला से मुलाकात की। अब्दुल्ला को सात महीने से अधिक समय तक नजरबंद रखने के बाद शुक्रवार को रिहा किया गया था। आजाद ने शनिवार दोपहर को यहां के गुपकर इलाके में अब्दुल्ला के घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। करीब दो घंटे चली मुलाकात के बाद आजाद ने कहा कि अगर हमें जम्मू-कश्मीर की तरक्की करनी है तो सभी नजरबंद नेताओं को रिहा करना होगा। सभी राजनीतिक प्रक्रिया को शुरू करने की जरूरत है।
गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से रूबरू होते हुए एक बार फिर कश्मीरियत का राग अलापा है। जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्रशासित प्रदेश घोषित करने का निर्णय जम्मू-कश्मीर के लोगों का अपमान है। इसे निरस्त करना होगा। जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य घोषित किया जाना चाहिए। राजनीतिक गतिविधि शुरू होने दीजिए, पहले लोकतंत्र बचे, फिर हम अन्य लड़ाइयां लड़ते रहेंगे। उन्होंने जनसुरक्षा कानून के तहत नजरबंद पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा सभी नेताओं और व्यक्तियों की रिहाई की मांग की। आजाद ने कहा लोकतंत्र तब ही बहाल हो सकता है, जब खास प्रावधान के तहत जेलों अथवा गेस्ट हाउस में बंद नेताओं को रिहा किया जाए।
बता दें कि करीब सात महीने हिरासत में रहने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला को कल रिहा कर दिया गया था। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने बीते शुक्रवार को फारूक पर लगाया गया जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) तत्काल प्रभाव से हटाया और उसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। जिसके बाद आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद आज श्रीनगर पहुंचे और उन्होंने फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की। गुलाम नबी एयरपोर्ट से सीधा गुपकार स्थित डॉ फारूक अब्दुल्ला के घर पहुंचे।