Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Apr, 2020 03:32 PM
भारतीय सेना भूंकंप हो या कोई और प्राकृतिक आपदा हर विपित्ति में वह लोगों की सेवा या मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। सेना बुधवार को दुर्गम गुरेज क्षेत्र में बर्फ के बीच फंसी एक गर्भवती महिला के लिए देवदूत बनकर पहुंची। सेना ने कठिन परिस्थतियों का सामना...
श्रीनगर: भारतीय सेना भूंकंप हो या कोई और प्राकृतिक आपदा हर विपित्ति में वह लोगों की सेवा या मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। सेना बुधवार को दुर्गम गुरेज क्षेत्र में बर्फ के बीच फंसी एक गर्भवती महिला के लिए देवदूत बनकर पहुंची। सेना ने कठिन परिस्थतियों का सामना करके गर्भवती महिला की जान बचाई। सेना ने स्नो लैपर्ड ब्रिगेड के दावर आर्मी कैंप ने पिछले 4 दिनों से दावर में फंसी एक गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट किया। बता दें कि भारी बर्फबारी के कारण गुरेज घाटी कश्मीर से पूरी तरह से कट चुकी है। वहीं एलओसी से सटे गांव सतनी की गर्भवती जैतूना बेगम काफी बीमार थी और अस्पताल पहुंचना उसके लिए आसान नहीं था। ऐसे में उन्होंने सेना से मदद मांगी।
स्नो लैपर्ड ब्रिगेड के दावर आर्मी कैंप को एल.ओ.सी. के बेहद करीब स्थित सतनी गांव की निवासी जेयतूना बेगम को एयरलिफ्ट करने के लिए प्रशासन से अनुरोध मिला था। उक्त महिला गर्भवती थी और उसे तत्काल सर्जरी की जरूरत थी। खराब मौसम के कारण सेना ने उसे तुरंत एयरलिफ्ट नहीं किया तथा दावर के अस्पताल में सेना की चिकित्सा टीम से उसकी चिकित्सा जांच की।
आखिरकार आज दोपहर सेना द्वारा उक्त महिला को एयरलिफ्ट किया गया तथा अब वह श्रीनगर के लालदेद अस्पताल में भर्ती है। सेना के अधिकारी ने बाताया कि कोरोना संकट के बीच डावर में सेना डटी हुई है और मेडिकल टीम ने उसका उपचार किया। सेना के इस प्रयास की लोगों ने काफी सराहना की।