Edited By rajesh kumar,Updated: 30 Nov, 2019 06:19 PM
दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में लगभग 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सेना का गश्ती दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया। इसमें सेना के दो जवान शहीद हो गए। वहीं एवलांच रेस्क्यू टीम गश्ती दल का पता लगाने और उसे निकालने में सफल रही। हेलिकॉप्टरों ने पीड़ितों को बाहर...
जम्मू: दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में लगभग 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सेना का गश्ती दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया। इसमें सेना के दो जवान शहीद हो गए। वहीं एवलांच रेस्क्यू टीम गश्ती दल का पता लगाने और उसे निकालने में सफल रही। हेलिकॉप्टरों ने पीड़ितों को बाहर निकालने में मदद की।
श्रीनगर में एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सेना का गश्ती दल दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में लगभग 18,000 फुट की ऊंचाई पर गश्त कर रहा था जब शनिवार तड़के दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया। उन्होंने बताया कि एक हिमस्खलन बचाव दल (एआरटी) तुरंत वहां पहुंचा और टीम के सभी सदस्यों का पता लगाने और उन्हें बाहर निकालने में कामयाब रहा। दल के साथ ही जवानों को बचाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों की भी सेवाएं ली गई। रक्षा प्रवक्ता ने बताया हालांकि, चिकित्सा टीमों के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद, सेना के दो कर्मियों की जान चली गई।
गौरतलब है कि इससे पहले दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में हुए एक हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना के 4 जवान शहीद हो गए थे। सेना के अधिकारियों ने बताया कि जिस इलाके में यह दुर्घटना हुई, वह जगह 19,000 फीट या उससे ज्यादा ऊंचाई पर है। सेना के प्रवक्ता ने बताया था है कि 8 सदस्यों की पेट्रोलिंग टीम तूफान में फंसी थी। इनमें से 8 लोगों में से 7 बुरी तरह से घायल थे, जिन्हें तुरंत ही मेडिकल दल के साथ हेलिकॉप्टर के सहारे हॉस्पिटल में भेजा गया था। लेकिन इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई थी। जिनमें से 4 सैनिक व जबकि दो पोर्टर शामिल थे।