Edited By rajesh kumar,Updated: 23 Feb, 2020 06:10 PM
स्पेशल जज एंटी-करप्शन ब्यूरो कश्मीर आर.एन. वाट्टल ने जम्मू-कश्मीर बैंक की ओर से नियुक्ति घोटाले में जब्त दस्तावेजों को जारी करने के आग्रह को खारिज कर दिया। इस मामले की शिकायत सईद कौसर बाइहाकी पुत्री गुलाम मोहम्मद बाइहाकी निवासी डंडूसा ने की थी।
जम्मू: स्पेशल जज एंटी-करप्शन ब्यूरो कश्मीर आर.एन. वाट्टल ने जम्मू-कश्मीर बैंक की ओर से नियुक्ति घोटाले में जब्त दस्तावेजों को जारी करने के आग्रह को खारिज कर दिया। इस मामले की शिकायत सईद कौसर बाइहाकी पुत्री गुलाम मोहम्मद बाइहाकी निवासी डंडूसा ने की थी।
शिकायत में कहा गया कि 2014 से लेकर 3 हजार से अधिक नियमों को ताक पर रख कर पी.डी.पी. कार्यकत्र्ताओं की संबंधित बैंक में नियुक्तियां की गईं जबकि हजारों सफाई कर्मी विभिन्न ब्रांचों में पिछले 10 साल से मामूली वेतन पर काम कर रहे थे। दस्तावेजों की जांच में पता चला कि हामीम नुसरत जो पूर्व चेयरमैन परवेज अहमद नेंगरू की भतीजी थी, को भी बिना किसी नियम का पालन किए नियुक्त किया गया था और यह खुलासा जे.के. बैंक की एच.आर.डी. सैक्शन से जब्त दस्तावेजों से हुआ।
कोर्ट का मानना था कि ये नियुक्तियां पिछले दरवाजे से सत्ता के गलियारों के कहने पर की गईं और नियमों को ताक पर रखा गया। कोर्ट का आगे मानना था कि बैंक ऑफिशियल ने राजनेताओं के साथ षड्यंत्र के तहत भर्ती प्रक्रिया को चलाया। यह भर्ती अभियान पूरी तरह से अवैध था और नियुक्तियां पूरी तरह से सही नहीं थीं। इसलिए फाइलों/दस्तावेजों को असल अथवा फोटोस्टेट देने पर जांच प्रभावित हो सकती है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर बैंक के आग्रह को खारिज किया जाता है।