Edited By rajesh kumar,Updated: 27 Nov, 2019 01:54 PM
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से तीन महीनों से नजरबंद कुछ नेताओं की रिहाई के बाद से अन्य राजनीति दलों के नेताओं के परिवार वालों को भी उम्मीद जागी है। ऐसे में श्रीनगर के एमएलए हॉस्टल में बंद नेताओं के परिवार वालों ने उनकी रिहाई के लिए...
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से तीन महीनों से नजरबंद कुछ नेताओं की रिहाई के बाद से अन्य राजनीति दलों के नेताओं के परिवार वालों को भी उम्मीद जागी है। ऐसे में श्रीनगर के एमएलए हॉस्टल में बंद नेताओं के परिवार वालों ने उनकी रिहाई के लिए जमानत अर्जी दायर कर रिहाई की मांग की है।
दरअसल मिली जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर के नेशनल कॉफ्रेंस के जनरल सेक्रेटरी अली मोहम्मद सागर के परिवार वालों ने उनकी रिहाई के लिए अर्जी पेश की है। इनके अलावा मजिस्ट्रेट के पास अन्य कई नेताओं के परिवार वालों ने भी अर्जी लगाई है। बता दें कि नजरबंद नेताओं के परिवार वाले बीते एक महीने से उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं। इसके लिए वकायदा उन्होंने जमानत अर्जी भी लगाई है, जिनमें से कुछ की अर्जी को खारिज कर दिया है, जबकि कुछ ऐसे ही पड़ी हैं। वहीं प्रशासन ने भी कुछ नेताओं की रिहाई के लिए उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव भेजा है, जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से ही पूर्व तीन मुख्यमंत्रियों डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत कई नेता अभी भी नजरबंद हैं। फारूक अब्दुल्ला को शांति के तहत खतरा बताते हुए पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत उनके घर में ही नजरबंद रखा गया है। वहीं घाटी में इंटरनेट की सेवाएं अभी भी स्थगित हैं। जबकि पोस्टपेड मोबाइल फोन सुविधा को शुरू कर दिया है।