Edited By rajesh kumar,Updated: 24 Dec, 2019 01:55 PM
रामगढ़ बार्डर डिवैल्पमैंट एसोसिएशन के बैनर तले रामगढ़ तहसील के सीमावर्ती गांवों के किसानों ने आज स्थानीय तहसीलदार कार्यालय में धरना दिया। गत माह बारिश व ओलावृष्टि से तबाह हुई धान की फसल के लिए मुआवजा मांग रहे इन किसानों ने बाद में उप-राज्यपाल के नाम...
साम्बा(संजीव): रामगढ़ बार्डर डिवैल्पमैंट एसोसिएशन के बैनर तले रामगढ़ तहसील के सीमावर्ती गांवों के किसानों ने आज स्थानीय तहसीलदार कार्यालय में धरना दिया। गत माह बारिश व ओलावृष्टि से तबाह हुई धान की फसल के लिए मुआवजा मांग रहे इन किसानों ने बाद में उप-राज्यपाल के नाम का एक ज्ञापन भी नायब तहसीलदार को सौंपा।
इन किसान नेताओं ने कहा कि बेमौसमी बारिश के कारण उनकी धान की फसल खराब हो गई है, लेकिन आज तक किसी ने उनकी सुध नहीं ली है। किसानों की मांग थी कि राजस्व विभाग सर्वे करे और नुक्सान का आकलन कर उन्हें उचित मुआवजा दे। मोहन भट्टी ने कहा कि इससे पहले भी किसानों की गेहूं की फसल आग की भेंट चढ़ चुकी है, लेकिन प्रभावितों को आज तक कुछ नहीं मिला। खेतों में नमी के चलते अगली फसल बीजना भी मुश्किल हो रहा है, ऐसे में किसानों ने केंद्र सरकार और राज्य के उप-राज्यपाल गिरीश चन्द्र मुर्मू से मांग की कि उन्हें 20 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से क्षतिपूर्ति दी जाए। किसानों ने कहा कि फसल लगाने के बैंकों से लिए गए के.सी.सी. लोन सहित सभी लोन माफ किए जाएं और ट्रैक्टर आदि कृषि उपकरणों के ऋण भी माफ किए जाएं।
पी.ओ.के. में अपनी सम्पत्ति छोड़कर आए हजारों परिवारों को आज तक जमीनों पर स्वामित्व अधिकार नहीं मिल पाए हैं। इसके साथ ही किसानों के बिजली बिल भी माफ करने और किसानों को मुफ्त बिजली देने की मांग की गई। किसानों ने कहा कि उनके पम्पसैट बंद पड़े हैं, फसलें बर्बाद हो गई हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें भारी भरकम बिजली बिल भेजे जा रहे हैं। किसानों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द ही मुआवजा घोषित न किया गया तो वे अपने माल-मवेशियों के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना देकर उग्र विरोध-प्रदर्शन करेंगे।