Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Jan, 2020 06:05 PM
जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त को अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद नजरबंद पांच और नेताओं को को रिहा कर दिया गया है। बता दें कि हालात सामान्य होने के साथ-साथ धीरे-धीरे नेताओं को रिहा किया जा रहा है। जिन नेताओं को रिहा किया गया है उनमें पीडीपी के 2 नेता और...
जम्मू: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बृहस्पतिवार को तीन पूर्व विधायकों समेत पांच नेताओं को रिहा कर दिया है। पांच अगस्त से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद एहतियातन करीब पांच महीने से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया था। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यधारा के पांच नेताओं को बृहस्पतिवार की दोपहर एहतियातन हिरासत से रिहा कर दिया गया। रिहा किए गए नेताओं में अलताफ कालू (नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधायक), शौकत गनई (नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधानपार्षद) और निजामुद्दीन भट (पीडीपी के पूर्व विधानपार्षद) शामिल हैं। इसके अलावा श्रीनगर नगर निगम के पूर्व महापौर सलमान सागर (नेशनल कांफ्रेंस) और मुख्तार बंध (पीडीपी) को भी रिहा गया।
गौरतलब है कि इससे पहले 30 दिसंबर को पांच नेताओं को रिहा किया गया था। पांचों नेता पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के थे, जोकि अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से नजरबंद थे। वही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती अभी भी नजरबंद हैं।
30 दिसंबर को जिन पांच नेताओं को रिहा किया गया था उनमें एनसी के इशफाक जब्बर व गुलाम नबी भट तथा पीडीपी के बशीर मीर, जहूर मीर और यासिर रेशी शामिल थे। रेशी पीडीपी के बागी नेताओं में से माने जाते हैं, जिन्होंने पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बगावत की थी। वहीं 25 नवंबर को दो नेताओ पीडीपी के दिलावर मीर और डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट के गुलाम हसन मीर को रिहा किया था।