Edited By ,Updated: 18 Jul, 2016 06:10 PM
दहशतगर्द बुरहान वानी कश्मीरीर तो क्या किसी भी युवा का आदर्श नहीं हो सकता है।
कश्मीर: दहशतगर्द बुरहान वानी कश्मीरीर तो क्या किसी भी युवा का आदर्श नहीं हो सकता है। आतंक कभी किसी का आदर्श नहीं बन सकता। कश्मीर को आतंक और बुरहान जैसे लोगों की वजह से नहीं बल्कि उन होनहार युवाओं की वजह से जाना जाना चाहिए जो देश में नाम रोशन कर रहे हैं।
कश्मीरी युवाओं का आदर्श हैं यह हुनरबाज। परन्तु अफसोस इस बात का है कि क श्मीर में चल रही हिंसा की आंधी के आगे कुछ बोलने को तैयार नहीं होते हैं। कश्मीर में रूबैदा सलाम, परवेज रसूल, हिना खान, शाह फैसल, अतहर आमिर जैसे कई हुनरमंद नौजवान पूरे देश में अपना नाम रोशन कर रहे हैं। रूबैदा कश्मीरी युवाओं की प्रेरणा है। उसने वर्ष 2013 में सिविल परीक्षा में सफलता हासिल कर कश्मीर की पहली महिला आईएस का खिताब जीता।
अलगाववादी क्यों अपने बच्चों को बाहर पढऩे भेज देते हैं। वे क्यों हिंसा की आग में अपने बच्चों की आहुति नहीं देते। क्योंकि वे भी जानते हैं कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा।
परवेज रसूल कश्मीर के पहले इंटरनेशनल क्रिकेटर हैं। 2013 में उन्हें इंडियन टीम में आल राउंडर क्रिकेटर के तौर पर शामिल किया गया। वह उसी बिजबिहाड़ा के रहने वाले जो आतंक के लिए भी मशहूर है। पर रसूल ने अपना नाम खेल में रोशन किया है।
अतहर आमिर को कौन नहीं जानता। इस वर्ष उन्होंने आईएस में टाप किया। पूरा देश उनके नाम से परिचित हो गया।
स्टार प्ल्स की फेमसय अक्षरा उर्फ हिना खान कश्मीर की कली है। बेहद सुन्दर और हुनर से लबरेज हिना युवाओं की
की प्रेरणा बनने योगय है। परन्तु इसे कश्मीर की बिडंबना ही कहा जाएगा कि युवाओं को भटकाया जा रहा है। कुछ क श्मीरी युवाओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि आम आदमी शांति चाहता है पर कोई खुले तौर पर बोल नहीं पाता है।