Edited By rajesh kumar,Updated: 17 Jan, 2020 02:56 PM
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान रद्द किए जाने के बाद पांच महीनों तक घर में नजरबंद रहे चार नेताओं को रिहा कर दिया है। जिन नेताओं को रिहा किया गया है उनमें नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, पीसी और कांग्रेस के एक-एक नेता को...
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान रद्द किए जाने के बाद पांच महीनों तक घर में नजरबंद रहे चार नेताओं को रिहा कर दिया है। जिन नेताओं को रिहा किया गया है उनमें नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, पीसी और कांग्रेस के एक-एक नेता को रिहा कर दिया गया है। एक पूर्व मंत्री और पिछली विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष समेत चारों नेताओं को बृहस्पतिवार देर रात रिहा किया गया। अधिकारियों ने कहा पीडीपी के पूर्व मंत्री अब्दुल हक खान, पूर्व उपाध्यक्ष नजीर अहमद गुरेजी, पीपुल्स कांफ्रेंस के पूर्व विधायक मोहम्मद अब्बास वानी और कांग्रेस के पूर्व विधायक अब्दुल राशिद को घर में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया है।
गत वीरवार को प्रशासन ने तीन पूर्व विधायकों समेत पांच नेताओं को रिहा किया गया था। इन सभी को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद एहतियातन करीब पांच महीने से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया था। रिहा किए गए नेताओं में अलताफ कालू (नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधायक), शौकत गनई (नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधानपार्षद) और निजामुद्दीन भट (पीडीपी के पूर्व विधानपार्षद) शामिल हैं। इसके अलावा श्रीनगर नगर निगम के पूर्व महापौर सलमान सागर (नेशनल कांफ्रेंस) और मुख्तार बंध (पीडीपी) को भी रिहा गया।
गौरतलब है कि इससे पहले 30 दिसंबर को पांच नेताओं को रिहा किया गया था। जिन पांच नेताओं को रिहा किया गया था उनमें एनसी के इशफाक जब्बर व गुलाम नबी भट तथा पीडीपी के बशीर मीर, जहूर मीर और यासिर रेशी शामिल थे। वही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती अभी भी नजरबंद हैं।