Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Dec, 2019 07:08 PM
अचल संपत्तियों से जुड़े दस्तावेजों का रजिस्ट्रीकरण करने की शक्तियों से न्यायिक अदालतों को वंचित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे वकील बुधवार को भूख हड़ताल पर चले गए। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (जेकेएचसीबीए) के सदस्य एक महीने...
जम्मू: अचल संपत्तियों से जुड़े दस्तावेजों का रजिस्ट्रीकरण करने की शक्तियों से न्यायिक अदालतों को वंचित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे वकील बुधवार को भूख हड़ताल पर चले गए। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (जेकेएचसीबीए) के सदस्य एक महीने से ज्यादा समय से इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
संगठन के अध्यक्ष अभिनव शर्मा ने बताया कि संगठन के आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से विरोध को आगे जारी रखने के फैसले के बाद आज से भूख हड़ताल शुरू हुई। उच्च न्यायालय और राज्य के कई हिस्सों में निचली अदालतों में एक नवंबर से काम प्रभावित है क्योंकि वकील हड़ताल पर हैं। वह राज्य सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
राज्य प्रशासन परिषद् (एसएसी) की अध्यक्षता में तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 23 अक्टूबर को एक नए विभाग के गठन की मंजूरी दी थी। यह विभाग राज्य के लोगों को तेजी से अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों का पंजीकरण करने की सुविधा प्रदान करेगा।