Edited By rajesh kumar,Updated: 19 Feb, 2020 12:31 PM
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किए हुए सात महीने हो गए हैं और तब से जम्मू कश्मीर आर्थिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक संकट से जूझ रहा है। इल्तिजा ने...
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किए हुए सात महीने हो गए हैं और तब से जम्मू कश्मीर आर्थिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक संकट से जूझ रहा है। इल्तिजा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अनुच्छेद 370 शेष भारत के साथ कश्मीर का ‘भावनात्मक जुड़ाव' था और बड़ी कीमत पर इसे समाप्त किया गया है।
जम्मू कश्मीर आर्थिक, मनोवैज्ञानिक तथा भावनात्मक संकट से जूझ रहा
उन्होंने कहा, ‘मैं केवल महबूबा मुफ्ती की बेटी की तरह बात नहीं कर रही, बल्कि एक दुखी कश्मीरी की तरह भी कर रही हूं। हम सभी जानते हैं कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद से क्या हो रहा है।' उन्होंने कहा यह बाकी देश से कश्मीरियों के लिए भावनात्मक जुड़ाव था और उसे समाप्त कर दिया गया। इस की बड़ी कीमत अदा की गई और जम्मू कश्मीर आर्थिक, मनोवैज्ञानिक तथा भावनात्मक संकट से जूझ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीरियों की हालत के बारे में गलत जानकारी फैला रही है।
कश्मीरियों के अब क्या अधिकार बचे हैं?
इल्तिजा ने कहा मुझे वाकई लगता है कि सरकार दुष्प्रचार और गलत जानकारी फैलाने में लगी है। बाकी देश को और कश्मीर का दौरा करने वाले राजदूतों को बताया गया कि हमें समान अधिकार प्राप्त हैं लेकिन वास्तव में आप इस समय कश्मीर में वीपीएन का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते। उन्होंने कहा मैं प्रधानमंत्री का सम्मान करती हूं जैसा सभी को करना चाहिए। लेकिन मुझे बहुत दुख होता है कि उन्हें गुमराह किया जा रहा है या वह जानबूझकर देश को गुमराह कर रहे हैं। कश्मीरियों के अब क्या अधिकार बचे हैं? इल्तिजा की मां और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त किए जाने के बाद हिरासत में रखा गया था।