Edited By Anil dev,Updated: 24 Sep, 2020 06:30 PM
जम्मू-कश्मीर सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में भेड़ और बकरियों की इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए एकीक्रित भेड़ विकास (आई.एस.डी.) योजना 2020-21 की शुरुआत की गई। इन इकाइयों की स्थापना के लिए कैपेक्स (CAPEX) के तहत 10 करोड़ रुपए की...
श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में भेड़ और बकरियों की इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए एकीक्रित भेड़ विकास (आई.एस.डी.) योजना 2020-21 की शुरुआत की गई। इन इकाइयों की स्थापना के लिए कैपेक्स (CAPEX) के तहत 10 करोड़ रुपए की समर्पित वितरण की औपचारिक घोषणा की गई है। एकीक्रित भेड़ विकास योजना सरकार की एक नवीनतम पहले है, जोकि केंद्र शासित प्रदेश और केंद्र की नई योजनाओं के पूरक होगी।
भेड़ और पशु पालन विभाग के प्रमुख नवीन चौधरी ने जानकारी देते हुआ कहा कि भेड़-बकरियां जम्मू-कश्मीर की यू.एस.पी. है, जो कश्मीर मैरीनो और ओर भेड़ों के लिए पूरे देश में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर मटन और शैवन का प्रमुख खपतकार है और इसलिए घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आयातित पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने बताया कि लगभग आधी मांग आयातित भेड़-बकरियों के जरिए पूरी की जाती हैं। एक हजार करोड़ सलाना पड़ोसी राज्यों से आयात की जाती है।
नवीन चौधरी ने कहा कि हालांकि जम्मू-कश्मीर मे भेड़ और बकरियों की खेती के लिए एक विशाल अनुकूल वातावरण है। मटन की मां और सप्लाई दौरान अभी भी एक बड़ा अंतर है। इसलिए जम्मू-कश्मीर सरकार ने कृषि-जलवायु क्षमता के साथ ही एकीक्रित भेड़ विकास योजना शुरु की है।