Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Oct, 2019 05:12 PM
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त किए जाने के बाद आज सोमवार को लगातार 58वें दिन भी बाजार बंद रहने और सार्वजनिक वाहनों के सड़कों से नदारद रहने से घाटी में जनजीवन प्रभावित रहा। इस बीच अधिकारियों ने कहा कि हंदवाड़ा ओर कुपवाड़ा...
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त किए जाने के बाद आज सोमवार को लगातार 58वें दिन भी बाजार बंद रहने और सार्वजनिक वाहनों के सड़कों से नदारद रहने से घाटी में जनजीवन प्रभावित रहा। इस बीच अधिकारियों ने कहा कि हंदवाड़ा ओर कुपवाड़ा इलाकों को छोड़ कर कश्मीर में मोबाइल सेवाएं हर जगह निलंबित हैं। घाटी में चार अगस्त की रात से ही सभी मंचों पर इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।
अधिकारियों ने बताया कि हालात के आकलन के बाद उचित समय पर सेवाओं को बहाल करने का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार को 58वें दिन भी घाटी में मुख्य बाजार और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सार्वजनिक वाहन भी सड़कों से नदारद रहे। शहर के कुछ इलाकों में कुछ निजी कारें और कुछ अंतर-जिला कैब और ऑटो रिक्शा नजर आए। अधिकारियों ने बताया कि घाटी में कहीं भी किसी तरह के प्रतिबंध नहीं है।
कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। केन्द्र सरकार के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद से ही कश्मीर के स्कूलों में कक्षाएं प्रभावित हैं। अधिकारी ने बताया कि स्कूलों के सामान्य संचालन के राज्य सरकार के प्रयास अभी तक रंग नहीं लाए हैं क्योंकि माता-पिता अब भी सुरक्षा कारणों से बच्चों को घर से बाहर भेजने को तैयार नहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्य धारा के नेता अब भी नजरबंद या हिरासत में हैं।