Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Oct, 2019 05:29 PM
जम्मू-कश्मीर में प्रमुख बाजारों के बंद रहने और सार्वजनिक वाहनों के सड़कों से नदारत रहने के कारण लगातार 65वें दिन भी जनजीवन प्रभावित रहा..
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में प्रमुख बाजारों के बंद रहने और सार्वजनिक वाहनों के सड़कों से नदारत रहने के कारण लगातार 65वें दिन भी जनजीवन प्रभावित रहा।
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केन्द्र शासित प्रदेश बनाने के केन्द्र सरकार के पांच अगस्त के कदम के बाद से ही कश्मीर में पाबंदियां लगी हैं। अधिकारियों ने बताया कि ऑटो-रिक्शा सहित कुछ निजी टैक्सियां और निजी वाहन शहर के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में सड़कों पर नजर आए। कई जगह कुछ रेड़ी पटरी वाले भी सड़क किनारे दिखे।
दशहरे पर सार्वजनिक अवकाश होने के कारण बंद का असर ज्यादा दिखा, क्योंकि सरकारी कर्मचारी आज नौकरी पर नहीं गए। घाटी में लैंडलाइन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में मोबाइल सेवाएं और सभी इंटरनेट सेवाएं पांच अगस्त से ही निलंबित हैं। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्य धारा के कई नेता अब भी नजरबंद या हिरासत में हैं।