Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Dec, 2019 04:43 PM
कश्मीर में सीआरपीएफ पर ग्रेनेड हमला करने के मामले में एक आरोपी को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। आरोपी को रिहा होने के लिए करीब 13 सालों का इंतजार करना पड़ा।वहीं अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ एक भी सबूत पेश नहीं कर सका...
जम्मू: कश्मीर में सीआरपीएफ पर ग्रेनेड हमला करने के मामले में एक आरोपी को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। आरोपी को रिहा होने के लिए करीब 13 सालों का इंतजार करना पड़ा। वहीं अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ एक भी सबूत पेश नहीं कर सका।
बता दें कि साल 2006 की 24 मई को बड़गाम में सीआरपीएफ की 164 बटालियन पर ग्रेनेड़ हमला हुआ था। इस हमले का मुख्य आरोपी श्रीनगर के नूरबाग में रहने वाला मुश्ताक अहमद मुख्य दोषी था। जिसे कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
पुलिस केस के मुताबिक अज्ञात आंतकियों ने सीआरपीएप के जवानों पर हमला किया था। इस हमले में सेना के कई जवान घायल हो गए थे औऱ साथ ही हमले के दौरान वहां मौजूद कुछ लोग भी इसकी चपेट में आ गए थे। पुलिस जांच के दौरान इस मामले में मुश्ताक का नाम सामने आया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन कोर्ट में अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में नाकाम रहे। वह कोई भी ऐसा सबूत पेश करने में सफल नहीं हो पाए जिससे यह सिद्घ हो सके की आरोपी हमले में शामिल था। वहीं कोर्ट ने भी केस को बर्खास्त कर आरोपी का बरी कर दिया।