Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Apr, 2020 05:19 PM
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के नए अधिवास कानून को लेकर बुधवार को केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि यह पहले से पीड़ित लोगों का अपमान है क्योंकि वादे के मुताबिक कोई संरक्षण नहीं दिया जा रहा है। उमर ने ट्वीट में कहा, ‘जब हमारे...
श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के नए अधिवास कानून को लेकर बुधवार को केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि यह पहले से पीड़ित लोगों का अपमान है क्योंकि वादे के मुताबिक कोई संरक्षण नहीं दिया जा रहा है। उमर ने ट्वीट में कहा, ‘जब हमारे सभी प्रयास और पूरा ध्यान ‘कोविड-19' के संक्रमण को फैलने से रोकने पर होना चाहिए, तब सरकार जम्मू कश्मीर में नया अधिवास कानून लेकर आई है। जब हम देखते हैं कि ऐसा कोई भी संरक्षण कानून से नहीं मिल रहा है, जिसका वादा किया गया था, तब यह पहले से लगी चोट को और गंभीर कर देता है।'
पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके उमर ने कहा कि नया कानून इतना खोखला है कि ‘दिल्ली के वरदहस्त प्राप्त' नेता भी इसकी आलोचना करने के लिये मजबूर हैं। उन्होंने कहा, ‘नए कानून के खोखलेपन की कल्पना इसी तथ्य से की जा सकती है कि दिल्ली के इशारे पर बनी नयी पार्टी के वे नेता भी इसकी आलोचना करने पर मजबूर हैं, जो इस कानून के लिए दिल्ली में लॉबिंग कर रहे थे।'
उमर का इशारा ‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी' के संस्थापक अल्ताफ बुखारी द्वारा अधिवास कानून की आलोचना किये जाने की ओर था। गौरतलब है कि सरकार ने बुधवार को एक गजट अधिसूचना जारी कर जम्मू कश्मीर के 138 अधिनियमों में कुछ संशोधन करने की घोषणा की। इनमें ग्रुप-4 तक की नौकरियां सिर्फ केंद्र शासित प्रदेश के मूल निवासियों के लिये संरक्षित रखना भी शामिल है।