Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Apr, 2020 10:55 AM
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश कोरोना वायरस से निपटने के लिए गहन निगरानी रख रहा है और संक्रमित लोगों की अधिकता वाले स्थानों की पहचान की गई है लेकिन ‘तबलीगी जमात के सदस्यों की गतिविधि के कारण समस्याओं का...
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश कोरोना वायरस से निपटने के लिए गहन निगरानी रख रहा है और संक्रमित लोगों की अधिकता वाले स्थानों की पहचान की गई है लेकिन ‘तबलीगी जमात के सदस्यों की गतिविधि के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा है।'
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार मुर्मू कोविड-19 पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के साथ राज्यपालों, उपराज्यपालों और प्रशासकों की एक वीडियो कांफ्रेंस में भाग ले रहे थे। उन्होंने कहा तबलीगी जमात की गतिविधि के कारण हमें समस्याओं का सामना करना पड़ा। मुर्मू ने हालांकि आश्वासन दिया कि प्रशासन प्रवासी श्रमिकों, छात्रों की देखभाल कर रहा है और पर्याप्त संख्या में पृथक वास स्थापित किये गये है। उपराष्ट्रपति के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा हम दूर-दराज के क्षेत्रों में खाद्य आपूर्ति भी सुनिश्चित कर रहे हैं।
लद्दाख के उपराज्यपाल राधा कृष्णा माथुर ने ईरान से तीर्थयात्रियों की वापसी के कारण बढ़ रहे मामलों को लेकर चिंता जाहिर की। बयान में कहा गया है कि माथुर ने जरूरतमंद लोगों को मदद उपलब्ध कराने में धार्मिक और सामाजिक संगठनों के काम की सराहना की। अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) डी के जोशी ने कहा कि नई दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम से संबंधित कोरोना वायरस संक्रमण के दस मामले हैं। पिछले महीने राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन क्षेत्र में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में कम से कम नौ हजार लोगों ने हिस्सा लिया था।
देश में अब तक कोरोना वायरस के लगभग 400 मामले और लगभग 12 लोगों की मौत के मामले निजामुद्दीन मरकज से संबंधित पाये गये है। चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए राष्ट्रपति ने सभी राज्यपालों से रेडक्रॉस सोसाइटियों की इकाइयों को पुनर्जीवित करने और उनकी मदद लेने का आग्रह किया। बयान के अनुसार अपने राज्यों में उठाये गये कदमों के बारे जानकारी देने वाले अन्य राज्यपालों में गोवा के राज्यपाल सत्य पाल मलिक, ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी, झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, असम के राज्यपाल जगदीश मुखी, मिजोरम के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई, मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला शामिल हैं।