Edited By rajesh kumar,Updated: 06 Apr, 2020 02:09 PM
देश में लागू लॉकडाउन के कारण मुंबई में रहने वाले 30 वर्षीय आरिफ के पास 2100 किमी दूर जम्मू-कश्मीर के राजौरी में अपने 60 वर्षीय बीमार पिता से मिलने का एक ही रास्ता बचा था। उन्होंने साइकिल से यह 2100 किमी की दूरी तय करने की सोची। लॉकडाउन लागू होने के...
जम्मू: देश में लागू लॉकडाउन के कारण मुंबई में रहने वाले 30 वर्षीय आरिफ के पास 2100 किमी दूर जम्मू-कश्मीर के राजौरी में अपने 60 वर्षीय बीमार पिता से मिलने का एक ही रास्ता बचा था। उन्होंने साइकिल से यह 2100 किमी की दूरी तय करने की सोची। लॉकडाउन लागू होने के एक सप्ताह बाद आरिफ को पता चला कि एक अप्रैल को उनके पिता को दिल का दौरा पड़ा है। वह किसी चमत्कार की उम्मीद में अपने पिता से मिलने निकल पड़े। इस बीच सीआरपीएफ जवान उनके मददगार बनकर सामने आए।
आरिफ के पिता वजीर को किया एयरलिफ्ट
सीआरपीएफ के कश्मीर स्थित 'मददगार' हेल्पलाइन की कार्रवाई के बाद आरिफ के पिता वजीर हुसैन को रविवार को पंजग्रेन गांव से एक विशेष हेलिकॉप्टर पर लाया गया । सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक (जेके ज़ोन) जुल्फिकार हसन ने बताया मददगार को आरिफ के बारे में एक मीडिया सूत्र से पता चला था। हेल्पलाइन तुरंत कार्रवाई में जुट गई। आरिफ को फोन किया और पांच राज्यों में फैले सीआरपीएफ के लोगों के जरिए सभी चीजों की व्यवस्था कराई। गुजरात के वडोदरा में रविवार को आरिफ को खाने के पैकेट, 2,000 रुपये नकद, सैनिटाइजर, मास्क और कुछ सामान दिया।
उन्होंने कहा कि हमने उन्हें लॉकडाउन के कारण हमारे बेस कैंप में रहने को कहा और आश्वासन दिया कि हम उनके पिता का ध्यान रखेंगे। लेकिन आरिफ ने अपने पिता से मिलने के लिए कहा। हसन ने कहा, ‘इसलिए हमने उसके ट्रक में यात्रा करने की व्यवस्था की। गुजरात पुलिस की मदद से आवश्यक सामान भी दिया गया।' उन्होंने कहा, ‘ट्रक सोमवार दोपहर तक उन्हें राजस्थान के जोधपुर के पास छोड़ देगा और हम उनकी आगे की यात्रा की व्यवस्था करेंगे।' आईपीएस अधिकारी ने कहा कि उनके पिता को जम्मू के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।