तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में BJYM कार्यकर्ताओं ने कारगिल विजय दिवस पर कश्मीर में निकाली तिरंगा यात्रा

Edited By Deepender Thakur,Updated: 27 Jul, 2022 11:29 PM

tejashwi surya bjym workers took out tricolor in kashmir on kargil vijay diwas

कारगिल विजय दिवस के सुअवसर पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में BJYM कार्यकर्ताओं ने तिरंगा यात्रा आयोजित की.

नई दिल्ली।  एक समय भारत ने ऐसा भी देखा है जब कश्मीर में तिरंगा यात्रा जैसा बड़ा आयोजन तो दूर की कौंड़ी थी, एक तिरंगा फहराने को लेकर आतंकियों से चुनौतियां मिलती थीं। लेकिन आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से कश्मीर का माहौल बदला है। कारगिल विजय दिवस के सुअवसर पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में BJYM कार्यकर्ताओं ने तिरंगा यात्रा आयोजित की. सोमवार 25 जुलाई को श्रीनगर के लालचौक से शुरू हुई तिरंगा यात्रा का 26 जुलाई को कारगिल वॉर मेमोरियल पर जाकर समापन हुआ। तिरंगा यात्रा में भिन्न भिन्न राज्यों से आये 75 से ज्यादा BJYM कार्यकर्ता शहीदों के घर के आंगन की मिट्टी साथ लाकर तिरंगा यात्रा में शामिल हुए. शहीदों के घर से ली गयी पावन मिट्टी को कारगिल वॉर मेमोरियल में अर्पित करने के साथ साथ कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले देश के वीर जवानों को याद करके श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।

आज से 30 साल पहले 26 जनवरी 1992 के दिन नरेन्द्र मोदी ने श्रीनगर के लालचौक पर आतंकियों की चुनौती स्वीकार कर तिरंगा फहराया था. आज 30 साल बाद इतिहास ने फिर से ख़ुद को दोहराया है। भारतीय जनता युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर के लालचौक पर आज फिर से तिरंगा फहरा कर पूरे कश्मीर की हवाओं में देशभक्ति की सुगंध घोल दी.

भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने लालचौक पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा - 1992 में जब यहां आतंकवाद अपनी चरम स्तिथि में था, अलगावाद अत्यंत जोर पर था. तब बिना किसी सिक्योरिटी, बिना किसी प्रशासनिक सपोर्ट, हमारे नेता भारत के शेर नरेंद्र मोदी जी ने तिरंगा लहराकर इतिहास रचा था. उन्होंने आगे कहा कि, आज नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अनुच्छेद 370 हटने के बाद हम जैसे आम कार्यकर्ता और आम युवाओं को भी लालचौक पर आकर तिरंगा फहराने का मौका मिला. इसका श्रेय भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों अनगिनत कार्यकर्ताओं के त्याग और तपस्या को जाता है.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद आए बदलावों पर तेजस्वी सूर्या ने कहा - जो कश्मीर इतिहास में विद्या नगरी, शिक्षा नगरी के नाम से जाना जाता था. जो कश्मीर, ‘नमस्ते शारदादेवि कश्मीर पुरवासिनि’ शारदा माँ की धरती माना जाता था. आतंकवाद की वजह से यहां के युवा शिक्षा के अवसर से वंचित हो रहे थे. नरेंद्र मोदी जी के अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यहां अनेक सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज, प्राइवेट यूनिवर्सिटीज, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, टेक्निकल इंस्टिट्यूट, स्किल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट शुरू हो रहे हैं. आज कश्मीर के नौजवानों को डॉक्टर बनने के लिए, इंजिनियर बनने के लिए पुणे या बैंगलोर जाना ज़रूरी नहीं है. क्योंकि वर्ल्ड क्लास एजुकेशन उन्हें  कश्मीर में ही प्राप्त हो रही है>>

विजय दिवस के इस कार्यक्रम के दौरान भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ और जम्मू - कश्मीर के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवीन्द्र रैना सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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