Edited By kirti,Updated: 01 May, 2018 11:24 AM
दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के द्रबगाम इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में समीर टाइगर और उसके साथी के मारे जाने से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें समीर टाइगर ने सेना के मुखबिर को पकड़ा था और उसके जरिए सेना के मेजर...
श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के द्रबगाम इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में समीर टाइगर और उसके साथी के मारे जाने से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें समीर टाइगर ने सेना के मुखबिर को पकड़ा था और उसके जरिए सेना के मेजर को संदेश भेजा था कि ‘चलो लड़ते हैं’। सेना की 44 आर.आर. (21 राजपूत) के मेजर रोहित शुक्ला ने समीर टाइगर को पकडऩे के लिए अच्छा जासूस नैटवर्क बनाया था। इससे पहले टाइगर कई बार दक्षिण कश्मीर में मुठभेड़ों के दौरान घेराबंदी को तोड़ने में सफल रहा था। मेजर शुक्ला मुठभेड़ के दौरान घायल हो गए थे, जिनको बाद में एयरलिफ्ट कर श्रीनगर में सेना के 92 बेस अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया।
सेना के मुखबिर ने 4 लोगों के नामों का खुलासा किया
सोशल मीडिया पर आज सुबह वायरल हुए वीडियो में समीर टाइगर ने सेना के मुखबिर को मेजर शुक्ला के निर्देशों पर उसकी जासूसी करने वालों के नामों का खुलासा करने की धमकी दी थी। सेना के मुखबिर ने 4 लोगों के नामों का खुलासा किया, जो कथित तौर पर शुक्ला के लिए टाइगर की जासूसी कर रहे थे। पुलिस के अनुसार समीर टाइगर अप्रैल 2016 में आतंकी रैंकों में शामिल होने के लिए लापता हो गया था। वह सुरक्षा बलों पर पथराव करने के लिए मशहूर था और नियमित रूप से पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया था। अंतिम बार उसको 3 अप्रैल, 2016 में सेना ने उसके घर से गिरफ्तार किया था और पुलिस स्टेशन राजपुरा को सौंप दिया था। उसके बाद उसको पुलिस स्टेशन काकापुरा को सौंप दिया गया था और जहां से वह संक्षिप्त अवधि के लिए भूमिगत हो गया था। बाद में समीर को हिजबुल ने ओ.जी.डब्ल्यू. के रूप में भर्ती किया।
पुलवामा में नाका पार्टी पर ग्रेनेड हमले की घटनाओं में समीर शामिल था
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व विधायक बशीर अहमद के रिहायशी मकान पर गोलीबारी और हवल पुलवामा में नाका पार्टी पर ग्रेनेड हमले की घटनाओं में समीर शामिल था। इसके अलावा कस्बयार इलाके में 2 नागरिकों के अपहरण और गोलीबारी में भी वह शामिल था। इस घटना में बशीर अहमद डार की मौत हो गई, जबकि अल्ताफ अहमद डार गंभीर रूप से घायल हो गया। पिछले साल उसने सेना की 44 आर.आर. के गश्ती दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। उसके खिलाफ पुलिस स्टेशन राजपुरा में कई एफ.आई.आर. दर्ज हैं। समीर हिजबुल के डिवीजनल कमांडर रियाज नाइकू का करीबी सहयोगी था और हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दोनों को एक साथ देखा गया था।