युवाओं को गुमराह करने की फिराक में आतंकी, पुलिस व सुरक्षा बल अलर्ट

Edited By rajesh kumar,Updated: 21 Nov, 2019 02:37 PM

terrorist police and security forces alert to mislead youth

किश्तवाड़ इलाके में दक्षिण कश्मीर से घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए रास्ते बंद हो गए हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले को जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले से जोडऩे वाले सिंथन टॉप इलाके में भारी बर्फबारी हुई है। इससे आतंकियों के किश्तवाड़ में प्रवेश...

श्रीनगर/किश्तवाड़: किश्तवाड़ इलाके में दक्षिण कश्मीर से घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए रास्ते बंद हो गए हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले को जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले से जोडऩे वाले सिंथन टॉप इलाके में भारी बर्फबारी हुई है। इससे आतंकियों के किश्तवाड़ में प्रवेश करने की संभावनाएं न के बराबर हैं। वहीं किश्तवाड़ में आकर सक्रिय हुए आतंकियों के मारे जाने के बाद जहांगीर सरूरी के ओवरग्राऊंड वर्कर (आतंकी) नए युवाओं को गुमराह कर अपने नैटवर्क में शामिल करने की फिराक में हैं।

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पुलिस व सुरक्षा बल भी अलर्ट
सूत्र बता रहे हैं कि कुछ युवा उनके बहकावे में आए हैं, लेकिन अभी सक्रिय नहीं हुए हैं। हालांकि पुलिस ने अधिकतर ओवरग्राऊंड वर्करों को हिरासत में लेकर जहांगीर का नैटवर्क तहस-नहस कर दिया है। वे युवाओं को बहला-फुसला कर जहांगीर के नैटवर्क में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं। नए आतंकियों की भर्ती की सूचना मिलने के बाद पुलिस व सुरक्षा बल भी अलर्ट हो गए हैं। वे किश्तवाड़ में कुछ लोगों की गतिविधियों पर विशेष तौर पर नजर रख रहे हैं। ऐसे में अगर पुलिस व सुरक्षा बलों को नए युवाओं की भर्ती के संबंध में पुख्ता सबूत मिलते हैं तो आगामी दिनों में किश्तवाड़ में आतंकियों के और समर्थकों की गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

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गौर रहे कि अगर कोई आतंकी सिंथन टॉप इलाके में पनाह लेकर बैठा है तो उसे भी अब अनंतनाग का ही रुख करना पड़ेगा, क्योंकि सिंथन टॉप के साथ लगते मारवा, वाडवन, दक्षिण तथा छात्रु आदि इलाकों के लोग आतंकियों को शरण नहीं देते हैं। इसके कारण कश्मीर से भागा आतंकी सिंथन टॉप इलाके में ज्यादा समय तक नहीं टिक पाता है। यहां गौर करने वाली बात है कि जब भी दक्षिण कश्मीर में आतंकियों पर सुरक्षा बलों का शिकंजा कसता था तो वे भाग कर सिंथन टॉप के रास्ते से किश्तवाड़ के पहाड़ों में आकर शरण लेते थे। सिंथन टॉप के वाइलु का ऊपरी इलाका आतंकियों के लिए सेफ जोन माना जाता है।

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सुरक्षाबलों को मिली बड़ी राहत
सिंथन टॉप का रास्ता बंद होने से सुरक्षा बलों को भी राहत मिली है। ऐसे में किश्तवाड़ इलाके में सक्रिय इक्का-दुक्का स्थानीय आतंकियों को धर-दबोचने में अब ज्यादा परेशानी नहीं होगी। किश्तवाड़ पुलिस ने भी इलाके में सिर्फ 3 आतंकियों की सक्रियता की बात कही है। किश्तवाड़ में सक्रिय ओसामा बिन जावेद व उसके 2 साथियों के मारे जाने के बाद किश्तवाड़ से भागकर हारून वानी डोडा और नावेद शाह दक्षिण कश्मीर में सक्रिय हो गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अब किश्तवाड़ में अमीन भट्ट उर्फ जहांगीर सरूरी, मुदस्सर और रियाज अहमद ही सक्रिय है।

 

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