Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Aug, 2022 09:14 AM
हिंदू पंचांग के अनुसार अमावस्या महीने की 30वीं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है। अमावस्या का ज्योतिष एवं तंत्र शास्त्र में अत्यधिक महत्व हैं। इस दिन
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Darsh Amavasya 2022: आज महालक्ष्मी का प्रिय वार शुक्रवार होने के साथ-साथ दर्श, कुशोत्पाटनी, कुशग्रहणी अथवा पिठौरी अमावस्या भी है। हिंदू पंचांग के अनुसार अमावस्या महीने की 30वीं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है। अमावस्या का ज्योतिष एवं तंत्र शास्त्र में अत्यधिक महत्व हैं। इस दिन पूजा-अर्चना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और देवी-देवता भी अपनी कृपा प्रदान करते हैं।
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Bhadrapada Amavasya 2022: पिथौरी अमावस्या के व्रत को बहुत पुण्यदायी कहा गया है। इस व्रत के प्रभाव से सोच से भी अधिक लाभ की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से बड़े से बड़े कर्ज और पाप नष्ट होते हैं। निसंतान दंपत्तियों को संतान प्राप्ति होती है। कहने से बाहर अथवा बिगड़े बच्चों में सुधार होता है।
How to Please Maa Lakshmi on Amavasya: आज अमावस्या तिथि है, रात्रि को 5 जगहों में सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करने से घर में मां लक्ष्मी आती हैं। जानें कौन से हैं ये स्थान-
रात को मेन गेट के दोनों तरफ सरसों के तेल का दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और मां लक्ष्मी आती हैं।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी के पास दीपदान करें। दीपक पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखना शुभ माना गया है।
आसपास के अंधेरे और नकारात्मकता को नष्ट करने के लिए अमावस्या की रात्रि को घर की छत पर दक्षिण-पूर्व में एक दीपक जलाएं।
रात्रि को पीपल के नीचे दीपक प्रज्वलित करने से शनि और राहु-केतु के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
प्रत्येक अमावस्या को घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करने से देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है। घी के दीपक को अपने बाएं हाथ की ओर लगाएं और तेल का दीपक दाईं तरफ। घर के मंदिर में पांच मुखी दीपक जलाने से कानूनी मामलों से राहत मिलती है।