रहस्य: भगवान शिव की मूर्ति पूजा का है खास महत्व, पूरी होती हैं कामनाएं

Edited By ,Updated: 14 Aug, 2015 12:20 PM

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लिंग को शिव जी का निराकार रूप माना जाता है। जबकि शिव मूर्ति को उनका साकार रूप। केवल शिव ही निराकार लिंग के रूप में पूजे जाते हैं। इस रूप में समस्त ब्रह्मांड का पूजन हो जाता है क्योंकि वे ही समस्त जगत के मूल कारण माने गए हैं।

लिंग को शिव जी का निराकार रूप माना जाता है। जबकि शिव मूर्ति को उनका साकार रूप। केवल शिव ही निराकार लिंग के रूप में पूजे जाते हैं। इस रूप में समस्त ब्रह्मांड का पूजन हो जाता है क्योंकि वे ही समस्त जगत के मूल कारण माने गए हैं। सावन के महीने में भगवान शिव का पूजन अक्षय पुण्य देने वाला है। शिवलिंग का विभिन्न द्रव्यों से पूजन कर मनवांछित इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। श्रीलिंग महापुराण के अनुसार भगवान शिव का मूर्ति पूजन करना भी बहुत शुभ फलदाई होता है। इससे आप को बहुत सारे लाभ मिलते हैं। भगवान शिव की अपार कृपा आप के जीवन को खुशहाल बना देगी। आईए जानें कैसे-
 
* विद्या और ज्ञान की प्राप्ति के लिए भगवान शिव की उपदेश देने वाली मूर्ति का पूजन करें।
 
* मनभावन जीवनसाथी पाने अथवा सुखी दांपत्य के लिए भगवान शिव की अर्द्धनारीश्वर मूर्ति का पूजन करें।
 
* सुखी जीवन की इच्छा करने वाले माता पार्वती सहित नृत्य करते हुए, हजारों भुजाओं वाली भगवान शिव की मूर्ति का पूजन करें।
 
* संतानहीन दंपत्ती माता पार्वती और भगवान शिव की बैल पर बैठी हुई मूर्ति का पूजन करें। जल्द ही उनके आंगन में किलकारियां गूंजेगी।
 
* शोहरत पाने के चाहवान नन्दी और माता पार्वती के साथ सभी गणों से घिरे हुए भगवान शिव की मूर्ति का पूजन करें। 
 
* पापों से मुक्ति पाने के लिए हाथ में धनुष-बाण लिए हुए, रथ पर बैठे हुए भगवान शिव की मूर्ति का पूजन करें। 
 
* सुख-सुविधा संपन्न जीवनयापन करने के लिए कार्तिकेय के साथ भगवान शिव-पार्वती की मूर्ति का पूजन करें।  
 

* धनवान बनने के लिए चार हाथों और तीन नेत्रों वाली, गले में सांप और हाथ में कपाल धारण किए हुए, भगवान शिव की मूर्ति का पूजन करें।   

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