Edited By ,Updated: 26 Sep, 2016 02:58 PM
विवाह संस्कार को व्यक्ति का दूसरा जीवन माना जाता है। कोई भी व्यक्ति संपूर्ण नहीं होता। पति-पत्नी दोनों में से किसी में भी दोष हो सकते हैं,
विवाह संस्कार को व्यक्ति का दूसरा जीवन माना जाता है। कोई भी व्यक्ति संपूर्ण नहीं होता। पति-पत्नी दोनों में से किसी में भी दोष हो सकते हैं, जिन की वजह से वैवाहिक जीवन में आपसी सौहाद्र का अभाव रहता है। वैवाहिक जीवन को खुशनुमा बनाए रखने के लिए करें कुछ उपाय
* गुस्सेल और झगड़ालू स्वभाव की पत्नि को सही राह पर लाने के लिए सीताराम की ऐसी फोटो लगाएं जिसमें माता सीता उनकी सेवा कर रही हों।
* दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए श्रीराधा कृष्ण की फोटो अपने शयनकक्ष में लगाएं।
* दांपत्य में तलाक की नौबत आ गई हो तो अपने रिश्ते को एक मौका देने के लिए श्री हरि का देवी लक्ष्मी की मांग भरता हुआ चित्र एकादशी अथवा पूर्णिमा के दिन अपने शयनकक्ष में लगाएं। जल्द ही दूरियां नजदिकियों में बदलेंगी।
* पति पत्नी को समय न देता हो तो पत्नी गुरूवार के दिन केले के वृक्ष का पूजन करे।
* जीवनसाथी का यथोचित सम्मान करें।
* नियमित रूप से जननांगो को दही से धोएं।
* कांसे की घाघर में सतनजा भरकर धर्मस्थल में दान करें।
* सूर्य के रहते अर्थात दिन के समय कामक्रीड़ा अर्थात संभोग न करें।
* शरीर के विभिन्न अंगों पर अवांछित बाल न रखें। नियमित रूप से अवांछित बाल साफ करते रहें।
* राहू या मंगल के दुष्प्रभाव से पड़े मंद शुक्र को ठीक करने के लिए जीवनसाथी से ही दो बार विवाह संपन्न करें।