छप्पड़फाड़ धन पाने का आज रात से शुभ मुहूर्त आरंभ, सपने और इच्छाएं करेगा पूरी

Edited By ,Updated: 22 Oct, 2016 09:52 AM

pushya nakshatra

शास्त्रों में पुष्य को सौ दोष दूर करने वाला, शुभ कार्य उद्देश में निशिचत सफलता प्रदान करने वाला व बहुमूल्य वस्तुओं की खरीददारी हेतु सबसे श्रेष्ठ व शुभ

शास्त्रों में पुष्य को सौ दोष दूर करने वाला, शुभ कार्य उद्देश में निशिचत सफलता प्रदान करने वाला व बहुमूल्य वस्तुओं की खरीददारी हेतु सबसे श्रेष्ठ व शुभ फलदाई माना गया है। कार्तिक महीने में पुष्य नक्षत्र का आना अत्यधिक शुभ माना जाता है। शास्त्रनुसार इस दिन विशेष वस्तुओं की खरीदी का विशेष महत्व है। 


मान्यतानुसार पुष्य नक्षत्र में क्रय की गई विशेष वस्तुएं दीर्घावधि तक कारगर रहकर शुभता प्रदान करती हैं। धार्मिक व ज्योतिषशास्त्रों में दीपावली से पहले पड़ने वाले पुष्य नक्षत्र को नए वस्तुओं की खरीदारी हेतु विशेष लाभकारी माना जाता है। पुष्य नक्षत्र सभी नक्षत्रों में सर्वाधिक शुभ व बलवान होने के कारण नक्षत्र राज कहलाता है। विवाह को छोड़कर सभी मांगलिक शुभ कार्यों में पुष्य नक्षत्र का महत्व है। 


भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली से की जाने वाले गणनाओं के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले सताइस नक्षत्रों में से पुष्य को आठवां नक्षत्र माना जाता है। शास्त्रों में पुष्य नक्षत्र को कामधेनु का थन माना गया है। पुष्य नक्षत्र के शुभकाल में खरीद-फरोख्‍त बहुत शुभ मानी जाती है। पुष्य नक्षत्र कर्क राशि के 3-20 अंश से 16-40 तक है मान्य होता है। इसका एक नाम अमरेज्य भी है जिसका अर्थ है देवताओं द्वारा पूजा जाने वाला अर्थात पुष्य नक्षत्र देवो के लिए भी दुर्लभ है।

पुष्य के स्वामी शनि व अधिष्ठाता बृहस्पति हैं। शनि के प्रभाव से खरीदी गई वस्तु स्थाई रूप से लंबे समय तक बनी रहती है व गुरु के प्रभाव से वह समृद्धिदायी होती है। रविवार को पड़ने वाले पुष्य नक्षत्र को पुष्यामृत योग कहते है। यह योग सर्वश्रेष्ठ माना जाता हैं। इनमें किए गए शुभ कार्य जल्द उत्तम फल प्रदान करते हैं। शास्त्रों में पुष्य को नक्षत्र-राज माना जाता है। मान्यता के अनुसार पुष्यामृत योग में खरीदे गए सामान व किया गया निवेश अत्यधिक शुभ माना गया है।


शुभ मुहूर्त
रविवार दिनांक 23.10.16 को रात तक पुष्यमृत योग रहेगा। पुष्य नक्षत्र शनिवार दिनांक 22.10.16 रात्र 20:27 मिं॰ से शुरू होकर रविवार दिनांक 23.10.16 को रात 20:39 मिं॰ तक रहेगा। इस दिन यंत्र स्थापना व वाहन की ख़रीदारी हेतु स्थिर लग्न की दृष्टि से वृश्चिक लग्न प्रातः 8:23 मिं॰ से प्रातः 10:40 मिं॰ तक रहेगा। इसके बाद कुंभ लग्न दिन 2:28 से शाम 3:54 :तक रहेगा। इसके बाद सूर्यास्त पश्चात वृष लग्न शाम 6:55 मिं॰ से रात 8:50 तक रहेगा। चोघड़िया की दृष्टि से लाभ की चौघड़िया प्रातः 9:18 से सुबह 10:42 तक रहेगी। शुभ की चोघड़िया दिन 1:29 से दिन 2:52 मिं॰ तक रहेगी। सूर्यास्त के बाद शुभ की चौघड़िया शाम 5:40 से शाम 7:15 तक रहेगी तथा अमृत की चोघड़िया शाम 7:15 मिं॰ से रात 8:50 तक रहेगी।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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