Edited By ,Updated: 14 Oct, 2015 10:42 AM
नवरात्र वर्ष में दो बार होते हैं। प्रथम बार चैत्र में एवं दूसरी बार आश्विन मास में। चैत्र के नवरात्र को वासंतिक एवं आश्विन के नवरात्र को शारदीय कहते हैं। नवरात्र शक्ति आराधना का पावन पर्व है, जिसमें दुर्गा सप्तशती के पाठ का विशेष महत्व है।
नवरात्र वर्ष में दो बार होते हैं। प्रथम बार चैत्र में एवं दूसरी बार आश्विन मास में। चैत्र के नवरात्र को वासंतिक एवं आश्विन के नवरात्र को शारदीय कहते हैं। नवरात्र शक्ति आराधना का पावन पर्व है, जिसमें दुर्गा सप्तशती के पाठ का विशेष महत्व है।
जो मनुष्य रविवार को सप्तशती का पाठ करता है, उसे नौ गुणा फल मिलता है।
सोमवार को पाठ करने से एक हज़ार पाठ करने का फल।
मंगलवार को पाठ करने से सौ पाठ करने का पुण्य फल मिलता है।
बुधवार को पाठ करने से एक लाख पाठ का फल।
गुरुवार और शुक्रवार को पाठ करने से दो लाख चंडी पाठ का फल।
शनिवार को पाठ करने से एक करोड़ चंडी पाठ का फल साधक को मिलता है।