Edited By ,Updated: 11 Feb, 2016 03:51 PM
वसंत पंचमी का पर्व भगवान विष्णु व सरस्वती जी की आराधना का पावन दिवस है। प्रात: काल स्नान के बाद पीले वस्त्र पहन कर धूप, दीप, नैवेद्य व लाल रोली से दोनों की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए परंतु
वसंत पंचमी का पर्व भगवान विष्णु व सरस्वती जी की आराधना का पावन दिवस है। प्रात: काल स्नान के बाद पीले वस्त्र पहन कर धूप, दीप, नैवेद्य व लाल रोली से दोनों की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए परंतु इससे पूर्व गणेश जी का पूजन अवश्य होना चाहिए। पीले व मीठे चावलों का भोग लगाना चाहिए। सरस्वती की आराधना में श्वेत वर्ण का अत्यंत महत्व है। अत: इनको अर्पित करने वाला नैवेद्य भी सफेद ही होना चाहिए।
कौन-सा करें पाठ या मंत्र ?
यह मंत्र शिक्षा में कमजोर विद्यार्थी या उनके अभिभावक भी मां सरस्वती के चित्र को सम्मुख रख के 5 या 11 माला कर सकते हैं-
वाक सिद्धि हेतु ,यह मंत्र जाप करें-
ओम् हृीं ऐं हृीं ओम् सरस्वत्यै नम:
आत्म ज्ञान प्राप्ति के लिए-
ओम् ऐं वाग्देव्यै विझहे धीमहि।
तन्नो देवी प्रचोदयात्!!
रोजगार प्राप्ति व प्रोमोशन के लिए-
ओम् वद वद वाग्वादिनी स्वाहा !