मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कैबिनेट का विस्तार किया, सात मंत्रियों ने शपथ ली, आबकारी मंत्री हटाए गए

Edited By PTI News Agency,Updated: 13 Jan, 2021 10:01 PM

pti karnataka story

बेंगलुरु, 13 जनवरी (भाषा) कर्नाटक में 17 महीने पुरानी कैबिनेट का बुधवार को विस्तार करते हुए मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने सात नए मंत्रियों को इसमें शामिल किया। इसके अलावा मंत्रिमंडल से आबकारी मंत्री एच. नागेश को बाहर किया गया है, जिसके...

बेंगलुरु, 13 जनवरी (भाषा) कर्नाटक में 17 महीने पुरानी कैबिनेट का बुधवार को विस्तार करते हुए मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने सात नए मंत्रियों को इसमें शामिल किया। इसके अलावा मंत्रिमंडल से आबकारी मंत्री एच. नागेश को बाहर किया गया है, जिसके कारण कैबिनेट में एक सीट रिक्त हो गई है।

राज्यपाल वजुभाई वाला ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी।

नए मंत्रियों को शामिल किए जाने और पुराने मंत्री को हटाए जाने के घटनाक्रम पर भाजपा के कुछ विधायकों ने नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि जनता द्वारा निर्वाचित विधायकों के स्थान पर सीधे ऊपरी सदन में आए एमएलसी को मंत्री बनाया जा रहा है, इतना ही नहीं उन्होंने मंत्रिमंडल में बेंगलुरु और बेलगावी को सबसे ज्यादा तव्वजोह दिए जाने और अन्य क्षेत्रों को नजरअंदाज किए जाने पर भी रोष जताया। इन विधायकों का कहना है कि मंत्रिमंडल के विस्तार में ‘‘वरिष्ठता और उनके कार्यो’’ को भी देखा गया है।

नए मंत्रियों में विधायक उमेश कट्टी (हुक्केरी), एस. अंगारा (सुल्लिआ), मुरुगेश निरानी (बिल्गी) और अरविंद लिम्बावली (महादेवपुरा) और एमएलसी आर. शंकर, एम. टी. बी. नागराज और सी. पी. योगेश्वर शामिल हैं।

शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा, उनकी कैबिनेट सहयोगी, भाजपा नेता और पदाधिकारी, पार्टी के महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, नए मंत्रियों के परिजन और समर्थक सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

जुलाई 2019 में येदियुरप्पा के फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद यह कैबिनेट का तीसरा विस्तार है। कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन की पूर्ववर्ती सरकार 17 विधायकों के इस्तीफे के बाद गिर गई थी। सभी विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।

मंत्रियों में पार्टी के कुछ पुराने चेहरों के अलावा कांग्रेस-जद(एस) से आए विधायक एवं विधान पार्षद (एमएलसी) शामिल हैं।

येदियुरप्पा ने वादा निभाते हुए पुरानी सरकार से बगावत करके भाजपा में आए नेताओं में से एमएलसी आर. शंकर और एम. टी. बी. नागराज को मंत्रिमंडल में शामिल किया है। ये दोनों पूर्ववर्ती कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार में भी मंत्री थे।

राज्य में 2019 में राजनीतिक संकट के दौरान कांग्रेस-जद(एस) के बागी विधायकों को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एक अन्य एमएलसी योगेश्वर को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। यह पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में भी मंत्री थे।

आज मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले भाजपा के पुराने चेहरे हैं... कट्टी, अंगारा, निरानी और लिम्बावली।

कट्टी (आठ बार के विधायक), निरानी और लिम्बावली (राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष) पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में भी मंत्री थे जबकि अंगारा (छह बार से विधायक) को पहली बार मंत्री पद मिला है।

कांग्रेस से विद्रोह करके भाजपा में शामिल हुए आर.आर. नगर से विधायक मुनिरत्न को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलना आश्चर्यजनक रहा क्योंकि मुख्यमंत्री ने नवंबर 2020 के उपचुनावों के प्रचार के दौरान कहा था कि निर्वाचित होने पर उन्हें मंत्री पद दिया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, कल देर रात तक मुनिरत्न को मंत्रिमंडल में शामिल करने के प्रयास जारी थे और मुख्यमंत्री ने इस संबंध में पार्टी हाई कमान को मनाने का खूब प्रयास किया।

उन्होंने कहा कि मुनिरत्न के खिलाफ दर्ज मामले उनके मंत्री बनने की राह में रोड़ा बन गए। उन्होंने कहा कि विधायक को अगली बार मंत्रिमंडल में शामिल करने का आश्वासन दिया गया है।

सुबह मंत्रिमंडल के लिए सात नए नामों की घोषणा करते हुए येदियुरप्पा ने कहा था कि आबकारी मंत्री एच. नागेश को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाएगा। इससे येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में एक सीट अब भी खाली है। कर्नाटक मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं।

येदियुरप्प ने कहा कि नागेश को डॉक्टर भीम राव आंबेडकर विकास प्राधिकरण का प्रमुख बनाया गया है और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।

मुलबागल से निर्दलीय विधायक नागेश कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार का हिस्सा थे और राज्य में राजनीतिक संकट के दौरान भाजपा का समर्थन करने के बाद मंत्रिमंडल में शामिल किए गए थे। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद नागेश ने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है और वह येदियुरप्पा के फैसले का सम्मन करेंगे।

सूत्रों ने कहा कि नागेश को मंत्रिमंडल से बाहर करने का फैसला आबकारी विभाग के एक अधिकारी की बेटी द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को की गई शिकायत से जुड़ा हुआ है। नागेश ने बीमार अधिकारी के तबादले के एवज में उसकी बेटी से कथित रूप से रिश्वत मांगी थी।

शपथ ग्रहण से तीन दिन पहले येदियुरप्पा ने पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केन्द्रीय गृऊ मंत्री अमित शाह के साथ दिल्ली में बैठक करके मंत्रिमंडल के विस्तार की योजना को अंतिम रूप दिया था।

महीनों से मंत्रिमंडल विस्तार की योजना बना रहे येदियुरप्पा से नवंबर में नड्डा ने कहा था कि वह इस संबंध में पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व से मंजूरी का इंतजार करें।

बुधवार को मंत्रिमंडल में शामिल सात मंत्रियों में से वीरशैव-लिंगायत (येदियुरप्पा का समुदाय), कुरुबा आर अनुसूचित जाति समुदाय से दो-दो और वोक्कालिंग समुदाय से एक मंत्री है।

नागेश से मंत्रिमंडल से बाहर होने के बाद 33 मंत्रियों के कैबिनेट में वीरशैव-लिंगायत समुदाय से 11 और वोक्कालिंग समुदाय से सात मंत्री शामिल हैं।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!