कर्नाटक में विभाग आवंटन को लेकर कुछ मंत्रियों में असंतोष

Edited By PTI News Agency,Updated: 21 Jan, 2021 10:01 PM

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बेंगलुरु, 21 जनवरी (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने बृहस्पतिवार को सात नए मंत्रियों को विभाग आवंटित किए और कुछ अन्य मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया, जिसको लेकर उनके मंत्रिमंडल में असंतोष की आवाज उठने लगी है क्योंकि कुछ...

बेंगलुरु, 21 जनवरी (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने बृहस्पतिवार को सात नए मंत्रियों को विभाग आवंटित किए और कुछ अन्य मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया, जिसको लेकर उनके मंत्रिमंडल में असंतोष की आवाज उठने लगी है क्योंकि कुछ मंत्री उन्हें आवंटित विभागों से नाखुश हैं।
हालांकि, येदियुरप्पा ने इस मुद्दे को ज्यादा तूल न देते हुए कहा कि जब भी विभाग बदले जाते हैं, तब इस तरह की नाराजगी सामान्य बात है और उन्होंने नाराज लोगों को मना लिया है।
वरिष्ठ मंत्री जे सी मधुस्वामी अपने गृह जिले तुमकुरु में मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, जो तीन प्रमुख विभाग वापस लिए जाने से नाराज हैं, जबकि एम टी बी नागराज ने खुले तौर पर कहा कि वह आबकारी विभाग नहीं लेना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि अपने मंत्रिमंडल के विस्तार के एक हफ्ते बाद, येदियुरप्पा ने बृहस्पतिवार को सात नए मंत्रियों को विभाग आवंटित किए और कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल भी किया।
मधुस्वामी से कानून, संसदीय मामलों, विधायी मामले और लघु सिंचाई विभाग ले लिए गए और उन्हें चिकित्सा शिक्षा, कन्नड़ और संस्कृति विभाग आवंटित किए गए हैं।
कांग्रेस-जद(एस) छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नागराज, के गोपालैया, के सी नारायण गौड़ा सहित कई मंत्रियों ने स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर के आवास पर बैठक की और कहा कि वे मुख्यमंत्री से उनको आवंटित विभागों पर चर्चा करेंगे।
इस बीच, येदियुरप्पा ने कहा कि सभी मंत्री संतुष्ट हैं और कोई नाराजगी नहीं है।
उन्होंने कहा, "मैंने उन्हें (नाराज मंत्रियों) फोन किया और उनसे बात की है, हर कोई संतुष्ट है ... मैंने व्यक्तिगत रूप से सभी से बात की है।"
उन्होंने कहा, मंत्रिमंडल विस्तार या विभाग आवंटन एक आसान काम नहीं है क्योंकि हर कोई संतुष्ट नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे अपनी जिम्मेदारियों को साझा किया है, वे काम करें, कुछ दिनों के बाद भी अगर उन्हें समस्याएं आती हैं, तो फिर बदलने पर विचार करें।"
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को मनाने के लिए गृह मंत्री बसवराज बोम्मई और राजस्व मंत्री आर अशोक को नियुक्ति किया है।
अशोक ने कहा कि उन्होंने गोपालैया और नागराज से बात की है और जल्द ही चीजों को सुलझा लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वह और बोम्मई उन सभी से एक बार फिर बात करेंगे।
उन्होंने कहा, "हम सभी मुख्यमंत्री के साथ हैं और हर एक को उन पर भरोसा है।"
गौरतलब है कि एक लंबे इंतजार के बाद येदियुरप्पा ने 13 जनवरी को अपने 17 महीने पुराने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और सात नए मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया।
नए मंत्रियों में उमेश कट्टी को खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले तथा एस अंगारा को मत्स्य, बंदरगाह और अंतर्देशीय परिवहन विभाग दिए गए हैं।
राज्यपाल की सहमति से जारी आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, मुरुगेश निरानी खान और भूविज्ञान मंत्री होंगे तथा अरविंद लिंबावली को वन विभाग मिला है।
अन्य मंत्रियों में, आर शंकर को नगर निकाय प्रशासन और रेशम उत्पादन विभाग मिला है जबकि एमटीबी नागराज आबकारी मंत्री और सी पी योगेश्वर लघु सिंचाई विभाग के मंत्री होंगे।
येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में मधुस्वामी एक प्रमुख मंत्री की हैसियत रखते हैं जो विधानसभा में सरकार का मजबूती से बचाव करते रहे हैं।
गृह मंत्री बसवराज बोम्मई को कानून, संसदीय कार्य और विधायी विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
आनंद सिंह से वन विभाग वापस ले लिया गया है और उन्हें अब पर्यावरण तथा पारिस्थितिकी के अलावा पर्यटन विभाग दिया गया है, जबकि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के. सुधाकर से चिकित्सा शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है।
पहले खान और भूविज्ञान विभाग रखने वाले सी सी पाटिल को अब लघु उद्योग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का प्रभार दिया गया है।
मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी को मत्स्य, बंदरगाह और अंतर्देशीय परिवहन विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है और अब उनके पास पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग होगा।
पशुपालन मंत्री प्रभु चौहान से हज और वक्फ विभाग वापस ले लिया गया है जबकि श्रम मंत्री ए शिवराम हेब्बार से चीनी विभाग ले लिया गया है।
के. गोपालैया से खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग ले लिए गए हैं, जिन्हें अब बागवानी और चीनी विभागों का प्रभार दिया गया है। के सी नारायण गौड़ा को युवा अधिकारिता, खेल, हज और वक्फ विभाग दिए गए हैं, जबकि नगर निकाय प्रशासन, बागवानी और रेशम उत्पादन विभागों को उनसे वापस ले लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग (डीपीएआर), कैबिनेट मामलों, वित्त, बेंगलुरु विकास, ऊर्जा, खुफिया, योजना, कार्यक्रम निगरानी, सांख्यिकी, अवसंरचना विकास और बाकी बचे अन्य सभी विभागों को अपने पास रखा है।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ मंत्रियों में उनको आवंटित किए गए विभागों को लेकर नाराजगी है और इस संबंध में उनके मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की संभावना है।
राज्य मंत्रिमंडल में अब 33 मंत्री हो गए हैं, जिसकी कुल क्षमता 34 है।


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