Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Nov, 2017 08:50 PM
भारत में करोड़पतियों की संख्या 2,45,000 तक पहुंच गई है जबकि यहां परिवारों की कुल संपत्ति 5,000 अरब डॉलर हो गई है। क्रेडिट सुईस की एक रपट में यह बात सामने आई है। रपट के अनुसार वर्ष 2022 तक देश में करोड़पतियों की यह संख्या 3,72,000 तक पहुंचने की...
नई दिल्ली: भारत में करोड़पतियों की संख्या 2,45,000 तक पहुंच गई है जबकि यहां परिवारों की कुल संपत्ति 5,000 अरब डॉलर हो गई है। क्रेडिट सुईस की एक रपट में यह बात सामने आई है। रपट के अनुसार वर्ष 2022 तक देश में करोड़पतियों की यह संख्या 3,72,000 तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि परिवारों की कुल संपत्ति 7.5 प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़कर 7,100 अरब डॉलर होने का अनुमान है।
क्रेडिट सुईस की वैश्विक संपत्ति रपट के अनुसार वर्ष 2,000 से भारत में संपत्ति में सालाना 9.9 फीसदी की दर से वृद्धि हुई है। यह वैश्विक औसत छह प्रतिशत से अधिक है। इस गणना में सालाना जनसंख्या वृद्धि दर 2.2 प्रतिशत आंकी गई है। भारत की संपत्ति में हुई 451 अरब डॉलर की वृद्धि वैश्विक आधार पर किसी एक देश की संपत्ति में हुई वृद्धि के लिहाज से आंठवीं बड़ी वृद्धि है।
रपट में कहा गया है, ‘‘भले ही भारत में संपत्ति वृद्धि हुई हो लेकिन इसमें हर एक का हिस्सा नहीं है। देश में संपत्ति निर्धनता अभी भी विचारणीय है। अध्ययन दिखाता है कि करीब 92 फीसदी वयस्क आबादी के पास 10,000 डॉलर से भी कम संपत्ति है।’’ दूसरी तरफ कुल आबादी का छोटा सा हिस्सा (वयस्क आबादी का मात्र 0.5 प्रतिशत) की नेटवर्थ 1,00,000 डॉलर से अधिक है।
भारत की बड़ी आबादी को देखते हुए यह संख्या 42 लाख होती है। रपट के अनुसार भारत में निजी संपत्ति का ज्यादा हिस्सा भूमि एवं अन्य रीयल एस्टेट के रुप में है जो कुल पारिवारिक संपत्ति का लगभग 86 फीसदी है। सकल संपत्ति में निजी कर्ज की हिस्सेदारी मात्र 9 फीसदी होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति संपत्ति के हिसाब से स्विट्जरलैंड का दुनिया में पहले स्थान पर है जहां प्रति व्यक्ति संपत्ति 2017 में 5,37,600 अमेरिकी डॉलर है। इसके बाद 4,02,600 अमरीकी डॉलर के साथ ऑस्ट्रेलिया और 3,88,000 डॉलर के साथ अमरीका का स्थान है।