Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Nov, 2017 05:43 PM
जर्मनी के शहर बॉन में जलवायु सम्मेलन में पेरिस समझौते को पूरा करने के लिए नियम तय करने और सुरक्षा के कदमों के लिए पैसे जुटाने पर चर्चा हो रही है। जलवायु सम्मेलन में यूरोपीय संघ के 28 देशों के बीच कार्बन क्रेडिट की व्यवस्था में सुधार पर समझौता हो...
बर्लिनः जर्मनी के शहर बॉन में जलवायु सम्मेलन में पेरिस समझौते को पूरा करने के लिए नियम तय करने और सुरक्षा के कदमों के लिए पैसे जुटाने पर चर्चा हो रही है। जलवायु सम्मेलन में यूरोपीय संघ के 28 देशों के बीच कार्बन क्रेडिट की व्यवस्था में सुधार पर समझौता हो गया है। यूरोपीय संघ के जलवायु कमिसार मिगेल आरियेस अनेट ने इसे पेरिस संधि पर अमल का ठोस कदम बताया है, लेकिन पर्यावरण समर्थक इससे नाखुश हैं और इसे आधा अधूरा कदम बता कर इसकी आलोचना कर रहे हैं।
यूरोपीय संघ का कार्बन उत्सर्जन कारोबार बड़ी फैक्टरियों और दूसरी कंपनियों द्वारा छोड़ी जाने वाली कार्बन डॉयऑक्साइड पर पाबंदी लगाता है। यूरोपीय संघ में उत्सर्जन का कारोबार 2005 में शुरू किया गया था और कार्बन क्रेडिट पेपर एक साझा सिस्टम के तहत खरीदे बेचे जाते हैं। इसका लक्ष्य पर्यावरण सम्मत उत्पादन के लिए उद्यमों को प्रोत्सहित करना था।इसके तहत ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाली कंपनियां उन कंपनियों से कार्बन क्रेडिट पेपर खरीद सकती थीं जो तय पैमाने से कम कार्बन पैदा कर रही हैं।
पर्यावरण संरक्षक इसे उत्सर्जन घटाने के लिए नाकाफी कदम मानते हैं। पर्यावरण संगठन वर्ल्ड वाइड फंड की यूलियेट दे ग्रांप्रे का कहना है पुराना नियम पिछले 10 सालों में कार्बन उत्सर्जन में कमी करवाने में विफल रहा है और नएनियम भी बहुत धीमा असर करेंगे। समस्या यह रही है कि कार्बन क्रेडिट सर्टिफिकेट इतनी बड़ी संख्या में बाजार में रहे हैं कि उनकी कीमत बहुत कम रही है और उन्हें खरीदना आसान और सस्ता रहा है. इसने उद्यमों को नयी तकनीकों में निवेश का दबाव नहीं डाला है।