चीन ने स्पेस लैब पर खोया नियंत्रण, धरती पर होगा क्रैश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jan, 2018 04:49 PM

chinese space station will crash to earth in march

चीनी स्पेस लैब Tiangong-1, जिसे साल 2011 में लॉन्च किया गया था,  पर चीनी वैज्ञानिकों का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है और ये भी नहीं बताया जा सकता है कि ये लैब निश्चित तौर पर कहां गिरेगा। इस स्पेस लैब की क्रैश लैंडिंग के साथ ही चीन के उस दावे पर भी...

बीजिंगः चीनी स्पेस लैब Tiangong-1, जिसे साल 2011 में लॉन्च किया गया था,  पर चीनी वैज्ञानिकों का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है और ये भी नहीं बताया जा सकता है कि ये लैब निश्चित तौर पर कहां गिरेगा। इस स्पेस लैब की क्रैश लैंडिंग के साथ ही चीन के उस दावे पर भी सवालिया निशान लगाया जा रहा है, जिसमें चीन खुद को स्पेस सुपर पॉवर बताता है। ये स्पेस लैब इस साल मार्च में पृथ्वी पर क्रैश लैंड कर सकता है।  

अंतरिक्ष विशेषज्ञों के मुताबिक इस स्पेस लैब के मलबे का किसी इंसान पर गिरने की संभावना न के बराबर है और ये कोई बहुत ज्यादा खतरे वाली बात नहीं है। पुराने उपग्रहों और अन्य स्पेस जंक के लिए ये बहुत ही सामान्य है कि वे पृथ्वी पर वापस गिरें। इसीलिए हर साल मलबे के सैकड़ों टुकड़े आते हैं. फिर भी स्पेस लैब जैसे बड़े ऑबजेक्ट्स को पृथ्वी पर अनियंत्रित होकर नहीं गिरना चाहिए। 

जहां तक संभव है कि पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही स्पेस लैब जल जाएगा और उसके ज्यादातर मलबे समुद्र में डूब जाएंगे। खगोल वैज्ञानिक जॉनैथन मैकड्वैल के मुताबिक सबसे बुरी स्थिति तब होगी जब Tiangong-1 की क्रैश लैंडिंग किसी आबादी वाले इलाके में हो, जिससे थोड़ी क्षति हो सकती है. लेकिन पिछले 60 वर्षों से अंतरिक्ष मलबे का इस तरह से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश नहीं हुआ है। 

Tiangong-1 या 'स्वर्गीय महल' को सितंबर 2011 में लॉन्च किया गया था. 16 मार्च, 2016 को Tiangong-1 ने काम करना बंद कर दिया। इसके ऑफलाइन होने के 6 महीने बाद Tiangong-2 को कक्षा में स्थापित किया गया। चीन का मकसद साल 2022 तक अंतरिक्ष में 20 टन का स्पेस स्टेशन स्थापित करना है। सुषमा स्वराज ने आज आसियान महासचिव दातो पादुका लिम जोक होई के साथ बातचीत दौरान  भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति के तहत क्षेत्र के देशों के साथ संपर्क बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘आसियान-भारत संबंधों के लिए यादगार साल ! विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आसियान महासचिव दातो पादुका लिम जोक होई और इंडोनेशिया की विदेश मंत्री रेतनो मर्सुदी से मुलाकात की।’  तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में थाईलैंड से यहां पहुंची सुषमा ने आसियान इंडिया नेटवर्क ऑफ थिंकटैंक के पांचवें राउंड टेबल का भी उद्घाटन किया। 

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