Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Nov, 2017 12:09 AM
शहर की एक अदालत ने दलित नेता जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। जनवरी में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस को रोकने को लेकर उनके खिलाफ दर्ज एक मामले की सुनवाई के लिए पेश नहीं होने को लेकर अदालत ने उनके...
अहमदाबाद: शहर की एक अदालत ने दलित नेता जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। जनवरी में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस को रोकने को लेकर उनके खिलाफ दर्ज एक मामले की सुनवाई के लिए पेश नहीं होने को लेकर अदालत ने उनके खिलाफ यह वारंट जारी किया है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आर एस लंगा ने अदालत के समक्ष पेश नहीं होने को लेकर सोमवार को मेवाणी और 12 अन्य लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। 11 जनवरी को वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के खिलाफ एक ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के दौरान अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर राजधानी एक्सप्रेस को काफी देर तक रोकने के आरोप में मेवाणी और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था।
उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैरकानूनी सभा करने), 147 (दंगा) और भारतीय रेल अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में एक आरोप पत्र भी दायर किया गया था। मेवाणी के वकील शमशाद पठान ने अपने मुवक्किल को पेशी से छूट दिए जाने की मांग को लेकर अदालत में आवेदन दिया था जिसपर सोमवार को मजिस्ट्रेट ने विचार करने से मना कर दिया।
पठान ने इस आधार पर छूट की मांग की थी कि उनका मुवक्किल वडगाम विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र भरने में व्यस्त था। मेवाणी लगातार दूसरी बार अदालत के समक्ष पेश नहीं हो पाए। मेवाणी ने सोमवार को गुजरात विधानसभा चुनाव में बनासकांठा के वडगाम से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडऩे की घोषणा की थी। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने परोक्ष रूप से उनका समर्थन करते हुए वहां से अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है।