खुद पर रखें नियंत्रण, स्थिति को समझे बिना न दें नकारात्मक प्रतिक्रिया

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 05:52 PM

do not give up negative feedback without understanding the situation

डाक्टर बड़ी ही तेजी से हॉस्पिटल में घुसा, उसे किसी एक्सीडैंट के मामले में तुरंत बुलाया गया था। अंदर घुसते ही उसने देखा कि जिस लड़के का एक्सीडैंट हुआ है, उसके परिजन बड़ी बेसब्री से उसका इंतजार कर रहे हैं।

डाक्टर बड़ी ही तेजी से हॉस्पिटल में घुसा, उसे किसी एक्सीडैंट के मामले में तुरंत बुलाया गया था। अंदर घुसते ही उसने देखा कि जिस लड़के का एक्सीडैंट हुआ है, उसके परिजन बड़ी बेसब्री से उसका इंतजार कर रहे हैं। 

डाक्टर को देखते ही लड़के का पिता बोला, ‘‘आप लोग अपनी ड्यूटी ठीक से क्यों नहीं करते, आपने आने में इतनी देर क्यों लगा दी, अगर मेरे बेटे को कुछ हुआ तो इसके जिम्मेदार आप होंगे।’’


डाक्टर ने विनम्रता से कहा, ‘‘आई एम सॉरी, मैं हॉस्पिटल में नहीं था और कॉल आने के बाद जितना तेजी से हो सका मैं यहां आया हूं। कृपया अब आप लोग शांत हो जाइए ताकि मैं इलाज कर सकूं।’’


‘‘शांत हो जाएं।’’ लड़के का पिता गुस्से में बोला, ‘‘क्या इस समय अगर आपका बेटा होता तो आप शांत रहते? अगर किसी की लापरवाही की वजह से आपका अपना बेटा मर जाए तो आप क्या करेंगे?’’ पिता बोले ही जा रहा था।


‘‘भगवान चाहेगा तो सब ठीक हो जाएगा, आप लोग दुआ कीजिए मैं इलाज के लिए जा रहा हूं।’’ ऐसा कहते हुए डाक्टर आप्रेशन थिएटर में प्रवेश कर गया।


बाहर लड़के का पिता अभी भी बुदबुदा रहा था, ‘‘सलाह देना आसान होता है, जिस पर बीतती है, वही जानता है।’’ 


करीब डेढ़ घंटे बाद डाक्टर बाहर निकला और मुस्कुराते हुए बोला, ‘‘भगवान का शुक्र है आपका बेटा अब खतरे से बाहर है।’’


यह सुनते ही लड़के के परिजन खुश हो गए और डाक्टर से सवाल पर सवाल पूछने लगे, ‘‘वह कब तक पूरी तरह से ठीक हो जाएगा, उसे डिस्चार्ज कब करेंगे?’’


पर डाक्टर जिस तेजी से आया था, उसी तेजी से वापस जाने लगा और लोगों से अपने सवाल नर्स से पूछने को कहा।


‘‘यह डाक्टर इतना घमंडी क्यों है, ऐसी क्या जल्दी है कि वह दो मिनट हमारे सवालों का जवाब नहीं दे सकता?’’ लड़के के पिता ने नर्स से कहा।


नर्स लगभग रुआंसी होती हुई बोली,  ‘‘आज सुबह डाक्टर साहब के लड़के की एक भयानक एक्सीडैंट में मौत हो गई और जब हमने उन्हें फोन किया था, तब वह उसका अंतिम संस्कार करने जा रहे थे और बेचारे अब आपके बच्चे की जान बचाने के बाद  अपने लाडले का अंतिम संस्कार करने के लिए वापस लौट रहे हैं।’’

यह सुनकर लड़के के परिजन और पिता स्तब्ध रह गए और उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया।


शिक्षा: बहुत बार हम किसी परिस्थिति के बारे में अच्छी तरह जाने बिना ही उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर देते हैं। हमें चाहिए कि हम खुद पर नियंत्रण रखें और पूरी स्थिति को समझे बिना कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया न दें। वर्ना अनजाने में हम उसे ही ठेस पहुंचा सकते हैं, जो हमारा ही भला सोच रहा हो। 

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