सीजन के चलते कागज कंपनियों ने बढ़ाए दाम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 02:11 PM

due to the season  paper companies increased the prices

देश भर की कागज मिलें इस समय अपनी लागत वृद्धि ग्राहकों पर डाल सकती हैं क्योंकि यह ऐसा सीजन होता है जिसमें नोटबुक और पुस्तक प्रकाशकों की मांग बढ़ जाती है और कीमत वृद्धि को वहन कर लिया जाता है।

नई दिल्लीः देश भर की कागज मिलें इस समय अपनी लागत वृद्धि ग्राहकों पर डाल सकती हैं क्योंकि यह ऐसा सीजन होता है जिसमें नोटबुक और पुस्तक प्रकाशकों की मांग बढ़ जाती है और कीमत वृद्धि को वहन कर लिया जाता है। चालू वर्ष के दौरान लेखन और मुद्रण कागज विनिर्माता अपने उत्पाद के दाम बढ़ा चुके हैं। जेके पेपर लि. के मुख्य वित्तीय अधिकारी वी कुमारस्वामी ने कहा कि हमने अपनी उपस्थिति के क्षेत्र केआधार पर अपने उत्पाद की कीमतें विभिन्न प्रकार से बढ़ाई हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय कीमतों की बराबरी के लिए सभी उत्पादों की औसत कीमत वृद्धि करीब दो प्रतिशत रही है।

इससे पहले हमने सितंबर में की गई कटौती की भरपाई के लिए नवंबर में अपने उत्पाद की कीमत एक प्रतिशत तक बढ़ा दी थी। खास श्रेणी के कागज के दाम दो से पांच प्रतिशत के बीच बढ़ गए  हैं। हालांकि यह बढ़ोतरी कागज की श्रेणी और मिलों के परिचालन क्षेत्र पर निर्भर करती है। साथ ही, लेखन और मुद्रण कागज की कीमतों में जनवरी से 1,000-2,000 रुपए प्रति टन तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। कागज उत्पादन की लागत को लाभदायक बनाने के लिए जेके पेपर ने अपने कारोबार का पुनर्गठन किया है।

पिछले कुछ सालों के दौरान कंपनी ने लाभ के लिए लागत में कटौती के कई उपाय किए हैं। कुमारस्वामी ने कहा कि लेखन और मुद्रण कागज की कीमतों में हर तरह की बढ़ोतरी से आने वाली तिमाहियों में कंपनी की शुद्ध आय में बढ़ोतरी होगी। अन्य विनिर्माताओं ने भी अपनी उत्पादन लागत कम करने और कारोबारी कार्यकुशलता में सुधार के लिए लागत कटौती के विभिन्न उपायों को अपनाया है।
 

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