GST रिटर्न भरना होगा आसान, अगली बैठक में होगा फैसला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 11:56 AM

filling gst will be easy  will be decided in next meeting

वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) परिषद रिटर्न भरने की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में काम कर रही है और इस संबंध में परिषद की अगली बैठक में निर्णय लिया जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में परिषद की 25वीं बैठक में इस संबंध में विचार-विमर्श...

नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) परिषद रिटर्न भरने की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में काम कर रही है और इस संबंध में परिषद की अगली बैठक में निर्णय लिया जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में परिषद की 25वीं बैठक में इस संबंध में विचार-विमर्श किया गया और विक्रताओं और आपूर्तिकर्ताओं को 3बी के तहत इनवॉयस अपलोड करने पर चर्चा हुई।

GST रिटर्न के लिए होगा सिर्फ 1 फार्म
जेटली ने बैठक के बाद कहा कि इस संबंध में परिषद ने बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में मंत्रीस्तरीय समिति बनाई थी। इसके साथ ही जी.एस.टी. नेटवर्क (जी.एस.टी.एन.) ने भी इस पर समिति बनाई हुई है। जी.एस.टी.एन. के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करने वाली कंपनी इंफोसिस भी इस पर काम कर रही है। इन तीनों ने बैठक के दौरान अपनी-अपनी प्रस्तुति दी जिसके बाद यह तय हुआ कि एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिसमें सिर्फ आपूर्तिकर्ता ही अपना इनवॉयस अपलोड कर दे और उसी के आधार पर विक्रेता कर का भुगतान करे। उन्होंने कहा कि ये तीनों आपस में मिल-बैठकर एक व्यवस्था बनाने का काम करेंगे और परिषद की अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगे चलकर हो सकता है जी.एस.टी. रिटर्न के लिए सिर्फ 3बी ही रह जाए। लेकिन, अभी पुरानी व्यवस्था जारी रहेगी।

कर चोरी रोकने के लिए सरकार करेगी उपाय
जेटली ने कहा कि अभी ई-वे बिल का परीक्षण चल रहा है और 1 फरवरी से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। अभी 15 राज्यों ने 1 फरवरी से अंतर्राज्यीय परिवहन के लिए ई-वे बिल जारी करने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. राजस्व संग्रह की भी समीक्षा की गई है। कंपोजिशन स्कीम के लिए 17 लाख करदाता पंजीयन कराया हुआ, लेकिन पहली तिमाही में इसके जरिए मात्र 307 करोड़ रुपए का कर अदा किया गया है। अधिकांश करदाता स्वयं को 20 लाख रुपए से कम का कारोबारी बता रहे हैं और शून्य रिटर्न भर रहे हैं। इसके जरिए हो रही कर चोरी को रोकने के उपाय किए जाने पर भी चर्चा हुई। इसके लिए रिवर्स चार्ज मकेनिज्म (आर.सी.एम.) व्यवस्था लागू करने पर विचार हुआ है। जी.एस.टी. लागू करने के दौरान आर.सी.एम. को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब इसे आंशिक तौर पर लागू किया जा सकता है ताकि कर चोरी पर रोक लग सके।
 

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