Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Dec, 2017 09:14 PM
सरकार ने इसके लिए 21 जनवरी 2018 तक की समयसीमा तय की है। इसके तहत एक फॉर्म भरकर लोगों को इस बैंक खाते की विस्तृत जानकारी मंत्रालय को देनी होगी। केंद्र सरकार ने पहले ही निर्णय लिया था कि सभी बैंक, जहां FCRA रजिस्टर्ड लोगों और संस्थानों ने अपने फॉरन...
नई दिल्लीः सरकार ने विदेशी फंडिंग को पारदर्शी बनाने की तैयारियां शुरू कर दी है।इसके लिए गृह मंत्रालय ने विदेश से फंड पाने वाले सभी NGOs और व्यक्तियों से एक महीने के भीतर निर्धारित किए गए 32 बैंकों में खाता खुलवाने का फरमान जारी किया है। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने NGOs के लिए नियम कड़े किए हैं और कानून का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं पर कार्रवाई भी की है।
सरकार ने इसके लिए 21 जनवरी 2018 तक की समयसीमा तय की है। इसके तहत एक फॉर्म भरकर लोगों को इस बैंक खाते की विस्तृत जानकारी मंत्रालय को देनी होगी। केंद्र सरकार ने पहले ही निर्णय लिया था कि सभी बैंक, जहां FCRA रजिस्टर्ड लोगों और संस्थानों ने अपने फॉरन कॉन्ट्रिब्यूशन अकाउंट्स खोले हैं, वे PFMS से जुड़ेंगे जिससे पूरी व्यवस्था पारदर्शी हो। कुछ बैंकों ने पहले ही PFMS के साथ अपने सिस्टम्स को जोड़ लिए हैं। हालांकि अब भी कुछ बैंकों ने ऐसा नहीं किया है।
मंत्रालय के आदेश के मुताबिक बैंकों में विदेशी मदद से संबंधित खाते खुलवाने का आदेश उच्च स्तर की पारदर्शी व्यवस्था कायम करने के लिए दिया गया है। ये बैंक केंद्र सरकार की सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) से संबद्ध होंगे। इसमें कहा गया है, 'विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम 2010 किसी व्यक्ति, असोसिएशन और कंपनी को मिलने वाली विदेशी मदद या फंड के लिए रेग्युलेशन का प्रावधान करता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी मदद या योगदान का इस्तेमाल किसी ऐसे कार्यों में न हो जो देश हित के खिलाफ हो।'
आदेश में कहा गया है कि इस प्रकार से, FCRA 2010 के तहत प्रदान किए गए अधिकारों के तहत केंद्र सरकार ऐसे लोगों को निर्देश देती है कि जो पंजीकृत हों या जिन्होंने FCRA 2010 के तहत पहले अनुमति ली हो, सभी अपने बैंक खाते 32 बैंकों में से किसी में भी अवश्य खोल लें।