Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 06:51 PM
डिजिटल और कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब जल्द ही चेकबंदी लागू कर सकती है। इसके बाद बैंको में चेक से लेन- देन की व्यवस्था पूरी खत्म हो जाएगी। डिजिटल ट्रांजैक्शंस को बढ़ावा देने के लिए सरकार पिछले साल से कार्यक्रम चला रही है। सरकार चैक...
नेशनल डेस्क: डिजिटल और कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब जल्द ही चेकबंदी लागू कर सकती है। इसके बाद बैंको में चेक से लेन- देन की व्यवस्था पूरी खत्म हो जाएगी। डिजिटल ट्रांजैक्शंस को बढ़ावा देने के लिए सरकार पिछले साल से कार्यक्रम चला रही है। सरकार चैक बुक को खत्म कर इस दिशा में बड़ा फैसला ले सकती है।
चेक बुक बंद करने से कैशलेस इकॉनमी की दिशा में व्यापारियों पर भी इसका असर होगा। अधिकतर व्यापारिक लेन-देन चेक के जरिए ही होता है। अभी 95 प्रतिशत ट्रांजैक्शंस कैश या चेक के जरिए होते हैं। नोटबंदी के बाद नकद लेन-देन में काफी कमी आई और चेक बुक का उपयोग बढ़ा है। सरकार ने इस वित्त वर्ष के अंत तक 2.5 खरब डिजिटल ट्रांजैक्शंस का लक्ष्य रखा है। इस टारगेट को पूरा करने के लिए सरकार चेक बुक पर जल्द ही प्रतिबंध लगा सकती है।
सरकार के इस कदम से काफी फायदा होने की उम्मीद है क्योंकि नोटबंदी के पहले तक केंद्र सरकार 25 हजार करोड़ खर्च करती थी। इसके अलावा 6 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त सुरक्षा पर खर्च करती थी। हालांकि चेक व्यवस्था को बंद करना फिलहाल इतना आसान नहीं है क्योंकि इसके लिए बैंकिंग कानून में बदलाव करना जरूरी है।