Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 01:32 PM
गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) भरनेवालों की तादाद बढ़कर 1 करोड़ तक पहुंचने वाली है जिसके साथ ही जुलाई में जी.एस.टी. की शुरुआत के वक्त से टैक्सपेयर्स की तादाद में 25% की उछाल आ जाएगी। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ''एक-दो दिन में हमारे
नई दिल्लीः गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) भरनेवालों की तादाद बढ़कर 1 करोड़ तक पहुंचने वाली है जिसके साथ ही जुलाई में जी.एस.टी. की शुरुआत के वक्त से टैक्सपेयर्स की तादाद में 25% की उछाल आ जाएगी। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, 'एक-दो दिन में हमारे 1 करोड़ टैक्सपेयर्स हो जाएंगे।'
जीएसटी की शुरुआत में थे 80 लाख टैक्सपेयर्स
सरकार क्रिसमस तक 99 लाख एंटिटीज को जीएसटी में रजिस्टर करवाने में सफल रही। इनमें 16.6 लाख एंटिटीज कंपोजिशन डीलर्स हैं जिन्हें डीटेल इनवॉइस दिए बिना तिमाही रिटर्न फाइल करने की छूट है। जब जीएसटी लागू हुआ था तब करीब 80 लाख टैक्सपेयर्स थे। इनमें कई ने विभिन्न तरह के टैक्स पेमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। मसलन, एक कंपनी वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकती है।
इसलिए टैक्स का वास्तविक दायरा छोटा था। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि जून के आसपास टैक्सपेयरों की संख्या घट सकती है जब रजिस्ट्रेशन का एक साल पूरा होने पर कुछ एंटिटिज बाहर हो जाएंगी। कमर्शल प्रॉपर्टी को किराए पर देनेवालों की बड़ी तादाद ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाया था। अब इनके सिस्टम से निकलने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि टैक्सपेयर्स का दायरा बढ़ा है, लेकिन बड़ी संख्या में रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स अपने ऊपर कोई लायबिलिटी नहीं दिखाकर जीरो टैक्स दे रहे हैं।
सोमवार को हुई 6 लाख रिटर्न्स फाइल
40 प्रतिशत भरे गए रिटर्न में टैक्स देनदारी शून्य बताई गई है। ऐसे में कुछ हजार कंपनियों से ही टैक्स जमा किया जा रहा है। लेट पेमेंट पेनल्टी और रिटर्न फाइलिंग में अन्य छूट की वजह से सरकार की समस्याएं बढ़ गई हैं। सोमवार को करीब 6 लाख रिटर्न्स फाइल किए गए थे जबकि मंगलवार को इसकी संख्या एक लाख और बढ़ गई
क्योंकि बुधवार को रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख थी।