Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 04:16 PM
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने से इलाके में फिर से टकराव शुरू हो गया है। इसी के तहत गाजा पट्टी से 2 रॉकेट हमलों के बाद सोमवार को इस्राइल के लड़ाकू विमानों ने चरमपंथी संगठन हमास के ठिकाने को...
यरुशलम : अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने से इलाके में फिर से टकराव शुरू हो गया है। इसी के तहत गाजा पट्टी से 2 रॉकेट हमलों के बाद सोमवार को इस्राइल के लड़ाकू विमानों ने चरमपंथी संगठन हमास के ठिकाने को निशाना बनाया। हमास के कब्जे वाले फिलीस्तीनी इलाके में हुई जन हानि का पता नहीं लग सका है। इस्राइली सेना ने बयान जारी कर कहा है कि हर हमले का सख्ती के साथ जवाब दिया जाएगा।
सेना के प्रवक्ता के अनुसार ताजा हवाई हमले में हमास की तीन इमारतें और उनसे जुड़ी सुविधाओं को निशाना बनाया गया। इससे पहले हमास के रॉकेट हमले में इस्राइली इलाके का एक मकान नष्ट हो गया जबकि दूसरा रॉकेट खाली स्थान पर गिरा। छह दिसंबर के ट्रंप के आदेश के बाद फिलीस्तीनी कब्जे वाला गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में हिंसा भड़क उठी है। इस्राइली सुरक्षा बलों के साथ टकराव में अभी तक चार फिलीस्तीनी मारे गए हैं जबकि दो हमास लड़ाके हवाई हमलों में मरे हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यरुशलम के अंतर्राष्ट्रीय शहर के दर्जे को बरकरार रखने के लिए मंगलवार को सदस्य देश मतदान करेंगे। अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले के विरोध में यह प्रस्ताव मिस्त्र की ओर से आया है। 15 सदस्यीय इस शक्तिशाली परिषद में अमरीका को किसी अन्य देश का साथ मिलने की उम्मीद नहीं है। इसलिए माना जा रहा है कि प्रस्ताव रखे जाते ही अमरीका वीटो लगाकर प्रस्ताव पर आगे की प्रक्रिया को रोक देगा। सुरक्षा परिषद में अमरीका समेत पांच देश वीटो पावर वाले हैं जो किसी भी मुद्दे से असहमत होने पर उस पर विचार की प्रक्रिया को रोक सकते हैं।