Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 01:20 PM
वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को पेश करने वाले हैं। 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले मोदी सरकार का यह आखिरी आम बजट होगा। बजट से स्टार्ट-अप सेक्टर को बड़ी उम्मीदें हैं। उम्मीद है कि वित्त मंत्री देश के स्टार्टअप्स को...
नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को पेश करने वाले हैं। 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले मोदी सरकार का यह आखिरी आम बजट होगा। बजट से स्टार्ट-अप सेक्टर को बड़ी उम्मीदें हैं। उम्मीद है कि वित्त मंत्री देश के स्टार्टअप्स को और मजबूती देने के लिए इंसेंटिव की घोषणा कर सकते हैं, जिसमें तीन साल की कर मुक्त अवधि को पांच साल किया जा सकता है और मंजूरी की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सकती है।
इंपोर्ट प्रक्रिया आसान करनी चाहिए
स्टार्टअप इंडिया में अभी कई दिक्कतें हैं। देश की आईटी कंपनियां यहां निवेश नहीं करती। विदेशी कंपनियों का स्टार्टअप में निवेश ज्यादा है। छोटे इंसेंटिव्स देने से इकोनॉमिक ग्रोथ संभव नहीं। आईटी कंपनियों के स्टार्टअप में निवेश से तरक्की होगी। मेक इन इंडिया से भी स्टार्टअप्स को मदद नहीं मिल रही है। सरकार को इंपोर्ट की प्रक्रिया आसान करनी चाहिए। स्टार्टअप के लिए पेनल्टी भरना बहुत भारी पड़ता है। सरकार को स्टार्टअप्स पर अपनी योजनाओं को साफ करना चाहिए।