एक रात ने पति को कर दिया पानी-पानी, बन गए महात्मा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Nov, 2017 09:20 AM

mahatma became the husband

बात 19वीं सदी के उत्तराद्र्ध की है। मुंशी राम के पास रुपयों की कोई कमी नहीं थी और कोतवाल पिता के पद के कारण अहंकार भी बहुत था। उसका मन हमेशा आमोद-प्रमोद में लगा रहता था। इसके चलते मदिरापान से लेकर हरसंभव दुर्गुण उसमें था। समय आने पर उसका विवाह...

बात 19वीं सदी के उत्तराद्र्ध की है। मुंशी राम के पास रुपयों की कोई कमी नहीं थी और कोतवाल पिता के पद के कारण अहंकार भी बहुत था। उसका मन हमेशा आमोद-प्रमोद में लगा रहता था। इसके चलते मदिरापान से लेकर हरसंभव दुर्गुण उसमें था। समय आने पर उसका विवाह शिवदेवी नाम की एक सुसंस्कृत कन्या से कर दिया गया लेकिन इसके बाद भी मुंशी राम की विलासी जीवनशैली पहले की तरह जारी रही। पति की खराब जीवनशैली को देखकर शिवदेवी को बहुत दुखहुआ।


उनका चरित्र त्याग, श्रद्धा, उदारता और प्रेम जैसे दैवीय गुणों से परिपूर्ण था। उन्होंने महसूस किया कि जो काम शब्दों से संभव नहीं उसे प्रेम से ही किया जा सकता है। रोजाना पति के लौटने के बाद उसे भोजन करवाकर ही वह खुद भोजन करती थीं। एक बार शराब के नशे में धुत्त मुंशी राम नाच-गाना देखकर देर रात घर पहुंचा। शिवदेवी ने उसके कपड़े बदले और सेवाभाव से पैर दबाना शुरू कर दिया।


जब मुंशी राम की आंख खुली तो देखा कि आग के सामने आटा गुंथा रखा था और शिवदेवी पैर दबाते-दबाते बिना कुछ खाए-पिए भूखी सो चुकी थीं। यह देखकर मुंशी राम का हृदय पश्चाताप की आग से जल उठा। उसे महसूस हुआ कि उसकी वजह से शिवदेवी को न जाने कितनी रातें भूखी गुजारनी पड़ीं लेकिन उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा और नि:स्वार्थ भाव से अपने कर्तव्य में लगी रहीं। इस घटना के बाद मुंशी राम का हृदय पूरी तरह से परिवर्तित हो गया।


आगे चलकर वह स्वामी श्रद्धानंद के नाम से विख्यात हुए और अपना जीवन समाज सेवा में अर्पित कर दिया। गांधी जी ने स्वयं उन्हें महात्मा की उपाधि दी थी। नि:स्वार्थ प्रेम की शक्ति न केवल स्वयं को ऊंचा उठाती है बल्कि दूसरे के भीतर भी महानता के गुण को प्रस्फुटित कर देती है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!